देशभक्ति और एकता के रंगों में रंगी धरा
सरदार पटेल ने पहले समझाया, फिर मनाया, और जहां जरूरत पड़ी वहां लोहे की तरह निर्णय लेकर भारत को एक किया- बोले धनखड़
यह पद यात्रा सिर्फ कदमों की गिनती नहीं, बल्कि राष्ट्र की अखंडता के लिए एक संकल्प यात्रा- औपी धनखड़
सरदार पटेल के लौह जैसे हाथों से रियासतों में बंटा भारत देश एक हुआ। आजादी के बाद देश में 562 रियासतें थी और सरदार पटेल सभी को एक करते हुए श्रेष्ठ भारत की नींव रखी। उन्होंने रियासतों को पहले समझाया, फिर मनाया और जहां बात समझाने से नहीं बनी, वहां उन्होंने लोहे की तरह अपने निर्णय का परिचय देते हुए फौज की ताकत के माध्यम से एकता का संदेश स्पष्ट किया। पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं भाजपा राष्ट्रीय सचिव औमप्रकाश धनखड़ ने मंगलवार को सरदार पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित पदयात्रा की अगुवाई करते हुए ये बात कही। उन्होंने कहा कि भारत में विविधता में जो एकात्मकता है यह सरदार पटेल की देन है।
सरदार @150 यूनिटी पद यात्रा बुपनिया गांव में राजे फार्म हाउस से प्रारंभ हुई, जहां भाजपा राष्ट्रीय सचिव एवं छह राज्यों में पदयात्रा के प्रभारी औमप्रकाश धनखड़ बतौर मुख्य अतिथि शामिल कार्यक्रम में हुए। इस अवसर पर उन्होंने अपने देशभक्ति से ओतप्रोत भाषण से जनसमूह में राष्ट्र के प्रति उत्साह व जोश जागृत करते हुए कहा कि अगर सरदार पटेल न होते, तो आज भारत का नक्शा ऐसा नहीं होता जैसा हम देखते हैं। उन्होंने 562 रियासतों को एकजुट कर इतिहास रच दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पूरे देश में सरदार पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य पदयात्रा का आयोजन किया जा रहा है ताकि नई पीढ़ी को राष्ट्र निर्माण और एकता का संदेश मिले।
पद यात्रा डाबौदा खुर्द होते हुए मांडौठी के सीताराम मंदिर में पहुंची। यात्रा में विहंगम नजारा देखने को मिला, जब हजारों की संख्या में युवा, विद्यार्थी, महिलाएं, खिलाड़ी और समाज के हर वर्ग के लोग तिरंगे हाथों में लिए “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” के नारों के साथ कदम से कदम मिलाकर पदयात्रा में शामिल हुए।
पद यात्रा के समापन के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में श्री धनखड़ ने कहा कि यह पद यात्रा केवल कदमों की गिनती नहीं, बल्कि हर कदम देश की एकता और अखंडता की ओर बढ़ता हुआ प्रण है। तिरंगा उन शहीदों की सांसों से लहराता है, जिन्होंने देश के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथियों को ग्राम पंचायत द्वारा सम्मानित किया गया।
औपी धनखड़ ने ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ की स्थापना के अनुभव किए साझा
भाजपा राष्ट्रीय सचिव श्री धनखड़ ने कहा कि मोदी जी ने गुजरात में विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ स्थापित का जब निर्णय लिया तो पूरे देश से लोहा व मिट्टी एकत्रित करने के ऐतिहासिक कार्य की जिम्मेदारी उन्हें दी थी। पूरे देश से लोहा और मिट्टी एकत्रित कर इसे एकता की प्रतिमा बनाया गया। इस दौरान पूरे देश में वह घूमे और देखा कि किस तरह से सरदार पटेल ने विविधताओं से भरे इस देश की नींव रखने का कितना महान कार्य किया है। यह कार्य न केवल ऐतिहासिक था, बल्कि यह भारत की आत्मा और अखंडता का उत्सव भी था।
देशभक्ति के गीतों और नारों से गुंजायमान रहा वातावरण
ढोल-नगाड़ों की थाप पर तिरंगे लहराते, स्कूली विद्यार्थी और एनसीसी कैडेट्स के जोशीले कदम जब आगे बढ़े तो पूरा क्षेत्र एक स्वर में “भारत माता की जय” और “वंदे मातरम्” के नारों से गूंज उठा। क्षेत्र की सरदारी और ग्रामीणों ने मार्ग में पुष्प वर्षा कर पद यात्रा का गर्मजोशी से स्वागत किया। विभिन्न सामाजिक संगठनों और शिक्षण संस्थानों के स्वयंसेवक देशभक्ति के गीतों, नुक्कड़ नाटकों और संदेशवाहक झांकियों के माध्यम से एकता, स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण और नशामुक्ति का संदेश देते दिखे।मुख्यातिथि ने पूर्व योद्धाओं को सम्मानित किया।
इस मौके पर ये रहे मौजूद
इस गौरवशाली यात्रा के दौरान दलाल 84 के प्रधान भूप सिंह दलाल, भाजपा जिला अध्यक्ष विकास वाल्मीकि, भाजपा नेता एवं यात्रा के संयोजक संजय कबलाना, वरिष्ठ भाजपा नेता दिनेश कौशिक, जिला परिषद चेयरमैन कप्तान सिंह बिरधाना,
, चेयरपर्सन सरोज राठी, राजपाल जांगड़ा, महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष सोमवती जाखड़, भाजपा नेता आनंद सागर, पहलवान लीलू चेयरमैन, जिला पार्षद, पंचायत प्रतिनिधि, पूर्व सैनिक, कोच,खिलाड़ी, पहलवान, सहित काफी संख्या में पार्टी पदाधिकारी एवं गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। वहीं, प्रशासन की तरफ से सीईओ जिला परिषद मनीष फोगाट, एसडीएम बहादुरगढ़ नसीब कुमार, एसडीएम बादली डॉ रमन गुप्ता, डीआईपीआरओ सतीश कुमार, माई भारत के जिला अधिकारी बृजेश कौशिक, बीडीपीओ बादली सुमित बैनीवाल, बीडीपीओ सुरेंद्र खत्री सहित काफी संख्या में अधिकारी और गणमान्य लोग मौजूद रहे।

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