मधुमेह से बचाव के लिए बैठी-बिठाई जीवन शैली का करे त्याग, आउट डोर खेल, सैर व योग करना जरूरी

Chief Medical Officer Bilaspur Dr. Prakash Daroch
Chief Medical Officer Bilaspur Dr. Prakash Daroch

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बिलासपुर 5 जून,2021- मुख्य चिकित्सा अधिकारी बिलासपुर डाॅ0 प्रकाश दरोच ने जानकारी देते हुए बताया कि जन जागरूकता व उपचार के माध्यम से मधुमेह रोग से बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि भारतवर्ष में करोड़ों लोग मधुमेह से प्रभावित हैं। ग्रामीण क्षेत्र में मधुमेह फैलाव की दर 2 प्रतिशत व शहर में 7 प्रतिशत है।
उन्होंने बताया कि पहले इस रोग का उच्च आयु वर्ग समूह में अधिक होता था अब सामान्य आयु वर्ग में अधिक फैल रहा है।
मधुमेह क्या हैः
उन्होंने बताया कि वातावरण, जेनेटिक व संयुक्त कारणों से शरीर में इंसुलीन के बनने और इसके काम की प्रक्रिया खराब होने से रक्त व पेशाब में शुगर की मात्रा लम्बे समय तक बढ़ने की स्थिति मधुमेह है। इंसुलीन हाॅर्मोन शरीर में शुगर को नियन्त्रित करता है तथा बसा के अमीनो एसिड के चयापचय का कार्य करता है।
उन्होंने बताया कि मधुमेह रोग किन्ही भी कारणों से हो, इलाज न होने से स्थिति में कई जटिलताओं को जन्म देता है जैसे हृदय रोग, किडनी, स्नायु दृष्टि रोग, अन्य संक्रमण व अक्षमता।
मधुमेह के कारणः
उन्होंने बताया कि अगनाश्य में दर्द, सोजिस, जलन व दाह, अगनाश्य में सिस्ट व सोजिस, इंसुलिन बनने में दोष, इंसुलिन जीन में परिवर्तन, इंसुलीन वाहक का कम संवेदनशील होना, बच्चों में प्रोटीन पर आधारित कुपोषण तथा विषाणु संक्रमण व रसायनों से विटा सैल का प्रभावित होना। मानसिक दवाब मधुमेह होने के कारण हैं।
वातावरणीय कारणः
उन्होंने बताया कि परम्परागत जीवन शैली, रहन सहन, खान-पान मंे बदलाव, चाय, पेस्ट्री, हलवा अधिक मीठा, डिब्बा बन्द व जंक फूड खाना, बैठी-बिठाई जीवन शैली अपनाना, कम कसरत, व्यायाम, योग व पैदल चलने से परहेज करना। विषैले रसायनिक पदार्थो तथा शराब व सिगरेट से अग्नाश्य का कार्य प्रभावित होना।
अधिक जोखिम वाला समूहः
40 वर्ष व अधिक आयु वाले, परिवार में मधुमेह की श्किायत, मोटापा, गर्भावस्था में वजन बहुत अधिक बढ़ना, जिस मां का 3.5 से 4.5 कि0 ग्रा0 का बच्चा पैदा हुआ हो।
मधुमेह के लक्षणः
बार-बार पेशाब, अधिक भूख, प्यास व थकान जैसे लक्षण आने पर व जख्म ठीक न होने पर मधुमेह के लिए रक्त व पेशाब में शूगर की जांच जरूरी है। उन्होंने बताया कि मधुमेह का इलाज सौ प्रतिशत संम्भव है। प्रभावित सामान्य जीवन व्यतीत कर सकते हैं शीघ्र डाक्टर से इलाज के लिए संम्पर्क करें।
मधुमेह बचाव हेतु जरूरी कदमः
चिकित्सक द्वारा बताए गए आहार व दवा योजना का अनुकरण करना, स्वंय रक्त ग्लूकाज माप व इंसुलिन लगाना, दवाई लेना नियमित रक्त सूगर व रक्त चाप की जांच, बार-बार थोड़ा-थोड़ा संतुलित आहार लेना, जंक फूड का प्रयोग नहीं करना, आंख, त्वचा व पैरों की देख भाल करते रहना, सिगरेट व शराब से परहेज करना, हमेशा संक्रमण से बचााव रखना, गर्भावस्था में नियमित जांच करवाना, रेशेदार भोजन का लाभ उठाना, आदर्ष शरीर बजन बनाए रखना, बैठी-बिठाई जीवन शैली का शीघ्र त्याग, आउट डोर खेल, सैर व योग करना, अपनी जेब में फोन नं0 सहित पहचान पत्र व ईलाज की पर्ची हमेशा रखना, उपवास कतई न करना, बच्चों को प्रोटिन युक्त संतुलित आहार दें।