राज्य सरकार जलवायु विकास एवं नेतृत्व के लिए प्रतिबद्ध – कृषि एवं उद्यानिकी मंत्री

Sorry, this news is not available in your requested language. Please see here.

जयपुर, 29 अप्रेल 2025

कृषि एवं उद्यानिकी मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा की अध्यक्षता में सोमवार को शासन सचिवालय में राजस्थान में जलवायु विकास एवं नेतृत्व के सम्बन्ध में बैठक का आयोजन किया गया।
डॉ. किरोड़ी लाल ने कहा कि राजस्थान की जलवायु मुख्यतः शुष्क से उप-आद्र मानसूनी है, जिससे राज्य के पश्चिमी भाग में अत्यधिक शुष्क एवं मरूस्थलीय जलवायु है जबकि पूर्वी भाग में अपेक्षाकृत अधिक वर्षा और उप आद्र जलवायु है। यहां की जलवायु में गर्मी और सर्दी दोनो चरम तापमान पर होते हैं और वर्षा की मात्रा में भी अनियमितता होती है।
उन्होंने कहा कि राज्य में जलवायु परिवर्तन नीति बनाई हुई है जिसका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करना और इस दिशा में प्रभावी उपाय करना है। राजस्थान को भारत के सबसे संवेदनशील राज्यों में से एक के रूप में जाना जाता है, इसलिए जलवायु परिवर्तन के अनुकूलन और कम करने के लिए राज्य कार्य योजना पर ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है।
राजस्थान को भारत के चार सबसे संवेदनशील राज्यों में से एक के रूप में पहचाना गया है, जिसमें जलवायु परिवर्तन के अनुकूलन और कम करने की आवश्यकता है। राज्य सरकार जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के प्रति संवेदनशील है और इस दिशा में विकास के लिए प्रतिबद्ध होकर कार्य कर रही है।
उन्होंने बताया कि राज्य में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के लिए राज्य सरकार द्वारा कई उपाय किये जा रहे हैं। जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम व वर्षा में अप्रत्याक्षितता बढ़ रही है और तापमान में वृद्धि हो रही है, जिससे राज्य के कई हिस्सों में अत्यधिक गर्मी हो रही है।
उन्होंने बताया कि जलवायु परिवर्तन एक गंभीर चुनौती है और राज्य सरकार इस दिशा में विकास और नेतृत्व के लिए प्रतिबद्ध है। जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के लिए प्रभावी उपाय किये जा रहे हैं। राज्य सरकार इस दिशा में अहम काम कर रही है।
राज्य पर्यावरण नीति के तहत मानव, स्वास्थ्य, कृषि पशुपालन, सौर ऊर्जा, उन्नत ऊर्जा, दक्षता और जलवायु परिवर्तन के लिए रणनीतिक क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। राज्य की जलवायु नीति और कार्य योजना राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप है और समयबद्ध तरीके से चरणबद्ध कार्यवाही पर केन्द्रित है, जिससे जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम किया जा सके और राज्य के विकास को पर्यावरण के अनुकूल बनाया जा सके।