लिंगानुपात मॉनिटरिंग “स्पेशल टास्क फाॅर्स” की बैठक आयोजित

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अवैध एमटीपी तथा पीएनडीटी के मामलों पर कड़ी नजर रखने के दिए निर्देश

चंडीगढ़, 2 दिसंबर 2025

हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग के सचिव एवं नेशनल हेल्थ मिशन हरियाणा के मिशन डायरेक्टर श्री रिपुदमन सिंह ढिल्लो ने प्रदेश के सभी सिविल सर्जनों को निर्देश दिए कि वे अवैध एमटीपी और पीएनडीटी के मामलों में अधिक से अधिक रेड करें और दोषियों के खिलाफ सख़्त कार्रवाई करें।

श्री ढिल्लो आज यहां लिंगानुपात को मॉनिटरिंग करने के लिए गठित “स्पेशल टास्क फाॅर्स” की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

बैठक में पर जानकारी दी गई कि इस बार राज्य में लड़कियों का लिंगानुपात 915 तक पहुंच गया है।

बैठक में स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक डॉ. कुलदीप सिंह, डॉ. वीरेंद्र यादव के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मिशन डायरेक्टर श्री रिपुदमन सिंह ढिल्लो ने लिंगानुपात में पिछड़ने वाले जिला के सिविल सर्जन, नोडल अधिकारी तथा पुलिस विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने -अपने क्षेत्र में अवैध एमटीपी तथा पीएनडीटी के मामलों पर कड़ी नजर रखें, अगर कोई इस मामले में दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई करें।

उन्होंने यह भी कहा कि एफआईआर लिखते समय सभी पहलुओं का ध्यान रखें ताकि सबूतों के अभाव में दोषी कोर्ट से छूट न पाए। उन्होंने यह भी कहा कि जिन मामलों यह आभास होता है कि सही पैरवी के कारण दोषी व्यक्ति निचली अदालत से छूटने में कामयाब हो गया है तो केस की अपील उससे ऊपरी अदालत में अवश्य करें। उन्होंने पिछले 3 वर्ष के कोर्ट केसों का ब्यौरा भी मांगा ताकि यह पता चल सके कि चालान समय पर पेश हो रहे हैं या नहीं?

श्री ढिल्लों  ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” का जो नारा दिया था, प्रदेश सरकार ने उस पर अमल करते हुए राज्य में कन्या भ्रूण हत्या पर पूर्ण रूप से रोक लगानी है ताकि लिंगानुपात समान हो सके। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन जिलों में पिछले 4-5 माह से अवैध एमटीपी तथा पीएनडीटी की जांच के लिए एक भी रेड नहीं की गई है, संबंधित अधिकारी उसमें तेजी लाएं और लिंगानुपात के लक्ष्य को हासिल करें।

उन्होंने कई जिलों में स्लम बस्तियों में विशेष कैंप लगाकर नवजात बच्चों का जन्म पंजीकरण सही ढंग से न करने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि शहरों के जिन क्षेत्रों में फ्रंट लाइन वर्कर रहते हैं उनके एरिया में जाकर जागरूकता फैलाएं और उनके बच्चों का जन्म पंजीकरण सुनिश्चित करें।