हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करके सरकारी सिस्टम में क्रान्तिकारी बदलाव लाने का काम किया है

Sorry, this news is not available in your requested language. Please see here.

चण्डीगढ़, 31 अगस्त 2021 हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करके सरकारी सिस्टम में क्रान्तिकारी बदलाव लाने का काम किया है। इसके बावजूद अगर किसी का काम समय पर नहीं होता तो अब उसे परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग का ‘आस’ यानी ऑटो अपील सॉफ्टवेयर ऐसे लोगों के लिए एक नई आस बनने जा रहा है।
आयोग के मुख्य आयुक्त श्री टी.सी. गुप्ता ने इस बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल पहली सितम्बर से ऑटो अपील सॉफ्टवेयर की शुरुआत करेंगे। हरियाणा देश का ऐसा पहला राज्य है जो इस तरह का अनूठा सिस्टम शुरू करने जा रहा है।
उन्होंने बताया कि अगर किसी व्यक्ति का काम समय पर नहीं होता और वह काम सेवा का अधिकार अधिनियम के दायरे में आता है तो ऑटो अपील सॉफ्टवेयर के तहत आवेदन अपीलेट अथॉरिटी में चला जाएगा। यदि वहां भी काम नहीं होता तो आवेदन उससे बड़े अधिकारी के पास चला जाएगा। अगर इन दोनों स्तरों पर भी काम नहीं होता तो फिर आवेदन कमीशन के पास आ जाएगा।
श्री टी.सी. गुप्ता ने बताया कि ऑटो अपील सॉफ्टवेयर के शुरू होने से लोगों को बड़ी राहत मिलेगी और उनके काम एक निर्धारित समय-सीमा के अन्दर होने लगेंगे। अधिकारी या कर्मचारी अब ढुलमुल रवैया नहीं अपना पाएंगे और उन्हें लोगों के काम समय पर करने ही होंगे। ऐसा न करने पर क्लर्क से लेकर विभागाध्यक्ष पर भी कार्रवाई हो सकती है। उन्होंने बताया कि अगर किसी अधिकारी या कर्मचारी पर तीन बार जुर्माना लग जाता है तो उसे अपनी नौकरी से भी हाथ धोना पड़ सकता है।
उन्होंने बताया कि अन्त्योदय सरल पोर्टल पर राइट टू सर्विस का स्कोर 10 में से आता है। प्रदेश में दो-तीन जिलों को छोडक़र लगभग सभी जिलों का आरटीएस स्कोर ठीक है लेकिन इसमें और सुधार की जरूरत है। हालांकि यह भी देखने में आया है कि कई विभागों का आरटीएस स्कोर कम है और उन्हें इसमें सुधार करने के निर्देश दिए गए हैं।
आयोग के मुख्य आयुक्त ने बताया कि जिला उपायुक्तों को भी स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत अधिसूचित सेवाओं की स्थिति की समीक्षा करें। उपायुक्तों को कहा गया है कि अगर किसी जिले का स्कोर 8 से नीचे होगा तो उसे डिस्पलेजर नोट भेजा जाएगा जबकि 9.5 से ऊपर होने पर हर महीने प्रशंसा-पत्र दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि उपायुक्तों से इसकी मासिक रिपोर्ट भी ली जाएगी।