हरियाणा सरकार ने कोविड-19 महामारी के दौरान रेमिडेसिविर की बढ़ती मांग को देखते हुए रेमिडेसिविर इंजेक्शन और टोसिलुइमाब  जैसी प्रयोगात्मक दवाओं के प्रतिबंधित बिक्री एवं वितरण के निर्देश दिए हैं ताकि इन दवाओं के तर्कहीन उपयोग को रोका जा सके

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चंडीगढ़, 28 अप्रैल – हरियाणा सरकार ने कोविड-19 महामारी के दौरान रेमिडेसिविर की बढ़ती मांग को देखते हुए रेमिडेसिविर इंजेक्शन और टोसिलुइमाब  जैसी प्रयोगात्मक दवाओं के प्रतिबंधित बिक्री एवं वितरण के निर्देश दिए हैं ताकि इन दवाओं के तर्कहीन उपयोग को रोका जा सके।
खाद्य एवं औषध प्रशासन के एक प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि कोविड-19 संक्रमण के लिए आपातकालीन और चिकित्सा आवश्यकताओं को मद्देनजर रखते हुए केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने गंभीर रूप से बीमार कोविड मरीजों के उपचार के लिए ही रेमिडेसिविर वैक्सीन के प्रतिबंधित आपातकालीन उपयोग को मंजूरी दी है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने निर्देश दिए हैं कि रेमिडेसिविर वैक्सीन की आपूर्ति केवल अस्पतालों या चिकित्सा संस्थानों के उपयोग के लिए ही की जाए ताकि दवा का उचित उपयोग सुनिश्चित किया जा सके। इसके अतिरिक्त, इस दवा की बिक्री केवल चिकित्सा विशेषज्ञों के प्रिस्क्रीप्शन पर ही करने भी निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि यह ज्ञात हुआ है कि कोविड-19 महामारी के दौरान डॉक्टर तर्कहीन रूप से रेमिडेसिविर इंजेक्शन लगवाने की सलाह दे रहे हैं। इस इंजेक्शन को भारतीय ड्रग्स कंट्रोलर जनरल द्वारा एक आपातकालीन दवा के रूप में अनुमोदित किया गया है और यह केवल कोविड-19 के आईसीयू बेड/वेंटिलेटर के रोगियों में उपचार के लिए उपयोग किया जाता है। अत: डॉक्टरों द्वारा इस दवा को उन रोगियों के लिए नहीं लिखा जाना चाहिए जो अस्पतालों में भर्ती नहीं हैं तथा घरों में ही आइसोलेट किये गए हैं और जिन्हें आईसीयू/वेंटीलेटरस की आवश्यकता नहीं है।
प्रवक्ता ने कहा कि इंजेक्शन रेमिडेसिविर या इंजेक्शन टोसिलुइमाब की कोई भी अनुचित बिक्री ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत दंडनीय है, जिसके लिए विक्रेता के ड्रग लाइसेंस को निलंबित या रद्द किया जा सकता है। इसके अलावा, ऐसी दवाओं की ब्लैक मार्केटिंग/जमाखोरी भी संज्ञेय और दंडनीय अपराध हैं, जिनके लिए उचित प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज करके कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि ये दवाएं कोविड-19 मरीजों के प्रबंधन के लिए आवश्यक हैं इसलिए इनका दुरुपयोग आईपीसी, महामारी अधिनियम, आपदा प्रबन्धन अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों का उल्लंघन माना जाएगा।
प्रवक्ता ने कहा कि इन दवाओं के सभी विक्रेताओं को आवश्यक वस्तु अधिनियम के साथ पठित औषध एवं औषध मूल्य नियंत्रण आदेश (डीपीसीओ) के प्रावधानों का अनुपालन करने के साथ-साथ समस्त खरीद एवं वितरण का ब्यौरा आयुक्त, खाद्य एवं औषण प्रशासन, पंचकूला के कार्यालय में  स्टेट ड्रग कंट्रोलर को भेजने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त, उन्हें बिक्री को केवल समर्पित कोविड अस्पतालों तक सीमित करने को भी कहा गया है, जिनमें कोविड-19 मरीजों के प्रबन्धन के लिए आईसीयू बेड और क्रिटिकल केयर सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि दवा विक्रेताओं को निरीक्षण के लिए कोरोना रिपोर्ट, इंडोर कार्ड जिस पर दवा के नाम लिखा हो और आईडी कार्ड/आधार कार्ड का रिकॉर्ड रखने को भी कहा गया