अमृतसर में पर्यटन को बढ़ाने के लिए डिप्टी कमिश्नर ने सोशल मीडिया ब्लॉगर्स को आगे आने का न्योता दिया

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ब्लॉगर्स के लिए किसी भी प्रकार की सहायता के लिए 9115639012 पर संपर्क कर सकते हैं

गंतव्य शादियों और यूनिटी मॉल के बारे में विचार

अमृतसर, 19 जनवरी 2024

अमृतसर में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए डिप्टी कमिश्नर श्री घनशाम थोरी ने सोशल मीडिया ब्लॉगर्स और प्रभावशाली लोगों को आगे आने के लिए आमंत्रित किया है ताकि अमृतसर को पर्यटन उद्योग में ऊपर उठाया जा सके।

उन्होंने कहा कि अमृतसर एक धार्मिक और ऐतिहासिक शहर है और लाखों श्रद्धालु रोजाना अमृतसर आते हैं लेकिन दूसरे दिन वापस चले जाते हैं क्योंकि उन्हें अमृतसर के अन्य ऐतिहासिक स्थलों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाती है. उन्होंने कहा कि आज का युग सोशल मीडिया का युग है और सोशल मीडिया के माध्यम से अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार कर लोगों को भारत के अन्य ऐतिहासिक स्थलों के बारे में जागरूक किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया ब्लॉगर किसी भी मदद के लिए प्रशासन से मोबाइल फोन नंबर 9115639012 (सक्षम) पर संपर्क कर सकते हैं।

  उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रियों को एक दिन से अधिक समय तक यहां रुकने के लिए अमृतसर की ऐतिहासिक और विरासत इमारतों को उजागर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों में अमृतसर के इतिहास के बारे में जानकारी लेने की जिज्ञासा पैदा होगी और पर्यटक पंजाब और पंजाबियत के बारे में समझ सकेंगे।

          डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि हमारी योजना अमृतसर को डेस्टिनेशन वेडिंग‘ कॉर्नर के रूप में विकसित करने की हैताकि देशभर से पर्यटक यहां आकर लंबे समय तक रह सकेंजिससे अमृतसर की अर्थव्यवस्था को काफी बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा कि डेस्टिनेशन वेडिंग के तौर पर जगह-जगह चर्चा चल रही है और जल्द ही अमृतसर में डेस्टिनेशन वेडिंग के तौर पर एक सेंटर स्थापित किया जाएगा.

डिप्टी कमिश्नर घनशाम थोरी ने बताया कि देशभर की कलाकृतियों के बिक्री केंद्र के लिए अमृतसर में यूनिटी मॉल‘ बनाने की भी तैयारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस मॉल में मेड इन इंडिया‘ अभियान को बढ़ावा देने के लिए देशभर की कलाकृतियों को एक ही छत के नीचे बेचने के लिए एक बड़ा शॉपिंग मॉल बनाया जाएगाजिसका नाम यूनिटी मॉल रखा गया है. उन्होंने कहा कि पंजाब के 23 जिलों को स्थाई तौर पर एक-एक स्टॉल दिया जाएगा. जहां वे अपने राज्य और जिले के मानक उत्पाद बेच सकेंगे. उन्होंने कहा कि इसके अलावा देश के 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को बिक्री केंद्र के रूप में एक-एक बड़ा हॉल दिया जाएगा.