सरकारी अस्पतालों की बदहाली का नतीजा भुगत रही है पंजाब की जनता-कुलतार संधवा

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दयनीय सरकारी सेहत सेवाओं के कारण सबसे ज्यादा है प्रदेश में कोरोना से मौत की दर -‘आप’
कुलतार संधवां के नेतृत्व में ‘आप’ ने हाल बाजार से किया ऑक्सीमीटर मुहिम का आगाज

अमृतसर, 18 सितम्बर 2020
कोरोना महामारी पर काबू पाने में बुरी तरह से फेल हुई पंजाब सरकार के सहयोग और लोगों को बचाने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) ने शुरू की ऑक्सीजन मुहिम का आज (शुक्रवार) को अमृतसर जिले के स्थानीय हाल बाजार से आगाज किया गया। पार्टी के सीनियर नेता और विधायक कुलतार सिंह संधवां ने दुकान-दर-दुकान जा कर दुकानदारों और आम लोगों को पूरी सावधानी के साथ ऑक्सीजन के स्तर की जांच की और कोरोना से बचाव के लिए ऑक्सीजन के स्तर की अहमीयत समझाने के साथ-साथ कोरोना से बचाव के लिए जागरूकता पैदा करे वाली सामग्री भी वितरित की।
इस मौके उनके साथ अशोक तलवाड़, डा. अजय गुप्ता, जसप्रीत सिंह, डा. इन्दरपाल, मनीष अग्रवाल, डा. इन्दरबीर सिंह निझर, सोहन सिंह नागी, राजिन्दर पलाह, रवीन्द्र हंस और अन्य नेता मौजूद थे।
इससे पहले मीडिया को संबोधन करते हुए कुलतार सिंह संधवां ने बेकाबू हुई कोरोना महामारी के लिए मुख्य मंत्री अमरिन्दर सिंह के साथ-साथ पिछली सभी कांग्रेसी और अकाली-भाजपा सरकारों को जिम्मेदार ठहराया।
कुलतार सिंह संधवां ने कहा यदि अमरिन्दर सरकार समेत पिछली सभी सरकारों ने सरकारी अस्पतालों-डिस्पैंसरियों को ओर बेहतर बनाने की बजाए बर्बाद करके प्राईवेट हैल्थ माफिया पैदा न किया होता तो आज लोगों का सरकारी सेहत सेवाओं में यकीन भी रहता और कोरोना के साथ इतनी बड़ी संख्या में मौतें न होती। ‘आप’ नेता ने बताया कि मौत की 2.9 दर से पंजाब की हालत सभी देश की अपेक्षा बुरी है
संधवां ने दिल्ली और पंजाब की तुलना करते बताया कि जहां दिल्ली में सरकारी सेहत सेवाओं के लिए कुल बजट का 14 प्रतिशत खर्च किया जाता है, वहीं पंजाब में यह 4 प्रतिशत कम है। यही कारण कि दिल्लीी के सरकारी अस्पताल-डिस्पैंसरियां, प्राईवेट अस्पतालों को पीछे छोड़ देती है और हमारे यहां (पंजाब) के सरकारी अस्पतालों में न जरूरी दवाएं और न डाक्टर और न ही सहायक स्टाफ है।
नतीजा यह है कि कल 17 सितम्बर को दिल्ली में पंजाब की अपेक्षा करीब 10 हजार एक्टिव (पाजेटिव) मरीज ज्यादा होने के मुकाबले मौतों की संख्या 38 और पंजाब में 54 थी। दिल्ली में कल तक 23 लाख से अधिक टैस्ट किए जा चुके थे, जबकि पंजाब में अभी तक 15 लाख टैस्ट भी नहीं कर पाए।
दिल्ली के अस्पतालों में कोविड बैडों की संख्या 14521 और पंजाब में 8854 है। दिल्ली में विशेष कोविड हैल्थ केयर सेंटरों की संख्या 594 है जबकि पंजाब में इस तरह का एक भी सैंटर स्थापित नहीं किया गया।
संधवां ने मुख्यमंत्री को फार्म हाऊस से बाहर निकल कर लोगों का हाल अपनी आंखों से देखें और लोगों में सरकारी अस्पतालों के प्रति भरोसा पैदा करने के लिए सरकारी सेहत क्षेत्र में उच्च स्तरीय निवेश करने की मांग की।
संधवां ने कहा कि 2022 में यदि लोगों ‘आप’ की सरकारी लाते हैं तो सेहत और शिक्षा के क्षेत्र में लोगों की दिल्ली की तरह प्राईवेट क्षेत्र पर निर्भरता खत्म कर दी जाएगी।