जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ जमीनी स्तर तक पहुँचाने में आधार कार्ड व पीपीपी बना महत्वपूर्ण दस्तावेज – मुख्यमंत्री

Sorry, this news is not available in your requested language. Please see here.

आधार सिस्टम में बायोमैट्रिक के साथ – साथ फेस रिकॉगनिशन भी शुरू करने की आवश्यकता – मनोहर लाल

मुख्यमंत्री ने आधार उपयोग को सरल बनाने और इसके उपयोग बढ़ाने के लिए विभिन्न पहलों के विषय पर आयोजित हरियाणा राज्य कार्यशाला को किया संबोधित

पीपीपी की बदौलत सरकार ने 37 लाख घोस्ट ट्रांजक्शन पकड़े, करीब 1200 करोड़ रुपये बचाए

चंडीगढ़, 14 सितंबर :- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों की जन कल्याणकारी योजनाओं व सेवाओं का लाभ जमीनी स्तर तक पहुँचाने के लिए आधार कार्ड और परिवार पहचान पत्र महत्वपूर्ण दस्तावेज बनकर उभरे हैं। इससे पात्र व अपात्र लाभार्थियों की पहचान होने से सिस्टम में पारदर्शिता आई है।

मुख्यमंत्री आज यहाँ आधार उपयोग को सरल बनाने और इसके उपयोग बढ़ाने के लिए विभिन्न पहलों के विषय पर आयोजित हरियाणा राज्य कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। कार्यशाला का आयोजन भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) क्षेत्रीय कार्यालय, चंडीगढ़ द्वारा किया गया।

श्री मनोहर लाल ने कहा की डिजिटलाइजेशन का विषय उनके दिल के बेहद करीब है। राज्य सरकार ने डिजिटलाइजेशन की दिशा में कई महत्वपूर्ण पहल की है, जिसकी केंद्र सरकार ने भी समय-समय पर सराहना की है।

उन्होंने कहा कि भारत जैसे इतने बड़े देश में 134 करोड़ लोगों को एक आधार सिस्टम से जोड़ा गया, यह अपने आप में बड़ी उपलब्धि है। इस प्रकार का डाटाबेस सिस्टम शायद ही किसी अन्य देश के पास उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि आधार सिस्टम आज एक अहम दस्तावेज बन गया है, हालांकि बदलते तकनीकि युग में इस सिस्टम में आज बायोमैट्रिक के साथ – साथ फेस रिकॉगनिशन और वॉयस रिकॉगनिशन भी शुरू करने की आवश्यकता है। फेस रिकॉगनिशन के लिए मोबाईल भी एक उपयोगी उपकरण बन सकता है। इस दिशा में तेज गति से कार्य करने की आवश्यकता है।

परिवार की पहचान के लिए हरियाणा ने परिवार पहचान पत्र की शुरुआत की
मुख्यमंत्री ने कहा कि आधार कार्ड से व्यक्ति की पहचान होती है। लेकिन हमारी संस्कृति व्यक्ति केंद्रित नहीं बल्कि परिवार केंद्रित है। इसी को समझते हुए वर्ष 2015 में हरियाणा सरकार ने परिवार की पहचान के लिए भी नई पहल की। इसके तहत, परिवार पहचान पत्र (मेरा परिवार-मेरी पहचान) की शुरुआत हुई। विभागों ने जमीनीस्तर तक अथक प्रयास करते हुए डाटाबेस एकत्र किया। इसके लिए इन-हाउस टीमें बनाई गई। लगभग 4 साल की मेहनत के बाद आज पीपीपी पोर्टल पर लगभग 70 लाख परिवारों और 2.60 करोड़ सदस्यों का पंजीकरण किया गया है।

पीपीपी की बदौलत सरकार ने 37 लाख घोस्ट ट्रांजक्शन पकड़े
श्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश में सरकारी योजनाओं व सेवाओं का लाभ पीपीपी के माध्यम से देना सुनिश्चित किया है। आज लगभग 150 योजनाओं व सेवाओं का लाभ पीपीपी के माध्यम से दिया जा रहा है। पीपीपी की बदौलत सरकार ने 37 लाख घोस्ट ट्रांजक्शजन पकड़े और गलत तरीके से लिये जा रहे योजनाओं के लाभ पर रोक लगाई। इससे करीब 1200 करोड़ रुपये की बचत हुई है।

उन्होंने कहा कि राशन कार्ड, वृद्धावस्थान पेंशन, जाति प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र और आय प्रमाण पत्र भी पीपीपी के माध्यम से बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्तियों तक पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि वि‌वाह पंजीकरण को भी पीपीपी से जोड़ा गया है। इसके अलावा, जन्म व मृत्यु का डाटा भी पीपीपी से जोड़ रहे हैं, ताकि वास्तविक डाटा एकत्र किया जा सके।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बीपीएल की आय सीमा में भी बदलाव किया है। पहले यह आय सीमा 1.20 लाख रुपये तक थी, जिसे हमने बढ़ाकर 1.80 लाख रुपये किया है, ताकि अधिक से अधिक परिवारों को योजनाओं का लाभ पहुंचाना सुनिश्चित किया जा सके।

मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना से 32 हजार से अधिक व्यक्तियों को दिया रोजगार
मुख्यमंत्री ने कहा कि पीपीपी के तहत प्रदेश के ऐसे परिवारों, जिनकी आय 1 लाख रुपये से कम है, उनकी पहचान की गई और उनके आर्थिक उत्थान के लिए मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना शुरू की गई। इस योजना के अंतर्गत अंत्योदय ग्राम उत्थान मेलों का आयोजन कर ऐसे परिवारों को विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गई और लगभग 32 हजार से अधिक व्यक्तियों को रोजगार प्रदान किया गया। इसके अलावा, अन्य पात्र लाभार्थियों को ऋण प्रदान करने की प्रक्रिया जारी है।

इसी प्रकार, राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना भी चलाई जा रही है, जिसके तहत 1.80 लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले परिवारों को 6 हजार रुपये वार्षिक राशि दी जा रही है। इस राशि में से केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का प्रीमियम का भुगतान किया जा रहा है। करीब 27-28 लाख परिवारों का प्रीमियम प्रदेश सरकार दे रही है।

श्री मनोहर लाल ने कार्यशाला में उप‌स्थित केंद्र व राज्य सरकार के अधिकारियों से आह्वान किया कि वे प्रदेश व देश में आधार के उपयोग को सरल बनाने व इसके उपयोग को बढ़ावा देने का संकल्प लें और जनता को जागरूक करें कि तकनीक का उपयोग करके कल्याणकारी योजनाओं का लाभ किस प्रकार प्राप्त किया जा सकता है।

अगले 10 सालों में ईज ऑफ लिविंग विजन को साकार करने में आधार सिस्टम के योगदान को ओर बढ़ाने पर रहेगा फोकस – सीईओ, यूआईडीएआई
इससे पूर्व, यूआईडीएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ सौरभ गर्ग ने कहा कि 10 सालों के कड़े प्रयासों का परिणाम है आधार सिस्टम। आज देश के 18 वर्ष से अधिक आयु वाले हर व्यक्ति का आधार कार्ड बन चुका है। हम 0-5 वर्ष के बच्चों का आधार पंजीकरण पर भी जोर दे रहे हैं। हमारा फोकस अगले 10 सालों में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ईज ऑफ लिविंग विजन को साकार करने में आधार सिस्टम के योगदान को ओर बढ़ाने पर रहेगा।

आधार‌ लिंक जन्म पंजीकरण प्रणाली शुरू करने वाला हरियाणा देश में पहला राज्य
सूचना प्रौद्योगिकी इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आनंद मोहन शरण ने कहा कि हरियाणा ने आधार सिस्टम को लागू करने के लिए तेज गति से कार्य किया। आधार‌ लिंक जन्म पंजीकरण प्रणाली शुरू करने वाला हरियाणा देश में पहला राज्य था। इसके अलावा भी प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में कई आईटी पहल की है।

कार्यशाला में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव तथा वित्त आयुक्त श्री वी एस कुंडू, स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री महावीर सिंह, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अशोक खेमका, विकास एवं पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अनिल मलिक, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी उमाशंकर, हरियाणा जल संसाधन (संरक्षण, विनियमन और प्रबंधन) प्राधिकरण की अध्यक्ष श्रीमती केशनी आन्नद अरोड़ा, एडीजीपी टेलीकॉम-आईटी श्री ए एस चावला, परिवहन विभाग के प्रधान सचिव श्री नवदीप विर्क, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के आयुक्त एवं सचिव श्री पंकज अग्रवाल, हरियाणा परिवार पहचान ओथॉरिटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री विकास गुप्ता, सलाहकार रिसोर्स मोबिलाइजेशन सेल श्री योगेंद्र चौधरी, आबकारी एवं कराधान आयुक्त श्री अशोक मीणा, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक श्री डी के बेहरा, कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के निदेशक श्री यशेंद्र सिंह सहित केंद्र व राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

 

और पढ़ें :-
सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों पद्म विभूषण, पद्म भूषण व पद्मश्री  के लिए आज आवेदन करने का अंतिम दिन