गौशालाओं व नंदी शालाओं के बेहतर संचालन के लिए मंत्रिमण्डलीय समिति गठित

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– आवारा पशुओं से होने वाली समस्याओं का भी होगा निराकरण
– गौशालाओं को चारागाह भूमि के आवंटन संबंधी समस्याओं का होगा समाधान
– समिति आमजन से भी लेगी सुझाव

जयपुर, 21 मई। प्रदेश में गोपालन और गौवंश के संर्वधन के लिए राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए है। इसी क्रम में राज्य में गौशालाओं, नंदी शालाओं के बेहतर संचालन एवं आवारा पशुओं से होने वाली समस्याओं के निराकरण के लिए 7 मंत्रियों की एक मंत्रिमण्डलीय समिति गठित की गई है।
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के निर्देशानुसार गठित इस समिति में स्वायत्त शासन एवं नगरीय विकास मंत्री श्री शांति कुमार धारीवाल संयोजक और गोपालन मंत्री श्री प्रमोद जैन भाया समन्वयक होंगे। कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्री लालचन्द कटारिया, जल संसाधन मंत्री श्री महेश जोशी, राजस्व मंत्री श्री रामलाल जाट, उद्योग मंत्री श्रीमती शकुंतला रावत तथा उच्च शिक्षा एवं गृह राज्यमंत्री श्री राजेन्द्र यादव इस समिति के सदस्य होंगे। इस समिति का प्रशासनिक विभाग गोपालन विभाग होगा तथा विभाग के शासन सचिव इस समिति के सदस्य सचिव होंगे।
यह समिति गौशालाओं को चारागाह भूमि के आवंटन, नंदी शालाओं के कार्यान्वयन में आ रही व्यावहारिक समस्याओं के निराकरण, शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में आवारा पशुओं की समस्याओं के समाधान तथा इन विषयों से संबंधित अन्य कार्यों पर चर्चा कर निर्णय लेगी। यह समिति वरिष्ठ अधिकारीगणों एवं विशेषज्ञों के साथ बैठक करने के साथ ही आमजन से भी सुचारू संचालन के लिए सुझाव आमंत्रित करेगी।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री निवास पर 18 मई को राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रदेश के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में आवारा पशुओं के कारण होने वाली समस्याओं के समाधान के लिए एक मंत्रिमंडलीय समिति का गठन करने का निर्णय लिया गया था। साथ ही राज्य में गौशालाओं और नंदी शालाओं के सुचारू संचालन एवं उनके लिए चारागाह भूमि आवंटित कराने के भी निर्देश दिए गए थे। वहीं, इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना में आवारा पशुओं और गौवंश के रख-रखाव से संबंधित कार्यों को शामिल करने के बारे में भी निर्णय लिया गया था।

 

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