मुख्यमंत्री ने हरियाणा में सामाजिक समरसता की नई कवायद की शुरू

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महर्षि वाल्मीकि जयंती पर वर्ष 2016 में कैथल से की थी शुरुआत

महाराजा शूर सैनी की जयंती के अवसर पर हिसार में राज्य स्तरीय समारोह किया गया आयोजित

मुख्यमंत्री वर्चुअल माध्यम से जुड़े और बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित जनों को दिया सामाजिक समरसता का संदेश

चंडीगढ़, 20 दिसंबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने वर्ष 2016 में महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर सामाजिक समरसता का संदेश देने की नई कवायद शुरू की थी, जिससे समाज में एकरूपता और भाईचारा मजबूत हुआ है। हरियाणा गठन के बाद 56 वर्षों में वर्तमान सरकार ने ऐसे संत – महापुरुषों को याद किया है, जिनका समाज के नव निर्माण में अतुलनीय योगदान रहा है। गत दिनों करनाल में पहली बार भगवान परशुराम महाकुंभ का राज्य स्तरीय आयोजन किया। इसी कड़ी में  मंगलवार को हिसार में सैनी सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रांगण में महाराजा शूर सैनी की जयंती के अवसर पर राज्य स्तरीय समारोह आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल इस समारोह में चंडीगढ़ से वर्चुअल माध्यम से जुड़े और बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित जनों को सामाजिक समरसता का संदेश दिया।

सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय ही सरकार का मूलमंत्र
मुख्यमंत्री का मानना है कि सर्व समाज के सहयोग से ही एक सभ्य समाज का निर्माण संभव है और इसी कड़ी में वे सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय के संकल्प के साथ पिछले 8 वर्षों से प्रदेश में कार्य कर रहे हैं। समाज को एक साथ लाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने सभी संत महात्माओं के सम्मान और उनकी याद में सरकारी स्तर पर कार्यक्रम आयोजित करने के लिए अलग से एक नई संत महापुरुष सम्मान एवं विचार प्रचार प्रसार योजना चलाई है। इस योजना के तहत अब तक प्रदेशभर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं। महाराजा शूर सैनी की जयंती पर आयोजित आज का समारोह भी इसी योजना के तहत आयोजित किया गया। ऐसे कार्यक्रमों का उद्देश्य सर्व समाज के महान संत महात्माओं को याद करना और उनके द्वारा समाज हित में किए गए कार्यों को समाज के सामने, विशेषकर युवा पीढ़ी के समक्ष प्रस्तुत करना है।

समारोह में लोगों ने बढ़ चढ़कर लिया हिस्सा
समारोह में सैनी समाज के अलावा अन्य समाज के लोगों ने भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम स्थल पर जहां तक नजर जा रही थी, वहां तक लोगों का हुजूम दिख रहा था। लोक कलाकारों ने महाराजा शूर सैनी के इतिहास और उनकी वीरता की गाथा को गीतों के माध्यम से बयां किया, जिसे सुनकर यहां आए लोगों का उत्साह और भी बढ़ गया।

उल्लेखनीय है कि जब से सरकार ने संत-महापुरुषों की जयंतियों व यादगार दिवसों को सरकारी तौर पर मनाने की पहल की है, तो सर्व समाज के लोगों ने इन कार्यक्रमों में भाग लेकर समाज को एकता के सूत्र में पिरोने का काम किया है। सरकार की यह पहल युवाओं को प्रेरणा देते हुए उन्हें सकारात्मक दिशा में आगे ले जाने की भी एक पहल है, क्योंकि महापुरुषों की शिक्षाएं युवाओं को खास संदेश देती हैं।

 

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