स्टील-रीसाइक्लिंग में हरियाणा को अग्रणी राज्य बनाने के लिए प्रयासरत-दुष्यंत चौटाला

DUSHYANT CHAUTALA
उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने 500 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का किया लोकार्पण

Sorry, this news is not available in your requested language. Please see here.

‘स्वच्छ एवं हरित भारत’ के संकल्प में राज्य की होगी अहम भूमिका- डिप्टी सीएम
‘हरियाणा एनर्जी ट्रांजिशन सम्मिट’ में बतौर मुख्य अतिथि हुए शामिल

चंडीगढ़, 24 सितंबर 2021

हरियाणा के उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि प्रदेश सरकार स्टील-रीसाइक्लिंग की दिशा में हरियाणा को अग्रणी राज्य बनाने के लिए प्रयासरत है ताकि केंद्र सरकार के ‘स्वच्छ एवं हरित भारत’ के संकल्प को पूरा किया जा सके।

डिप्टी सीएम आज ‘पीएचडी चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स’ द्वारा वर्चुअली आयोजित ‘हरियाणा एनर्जी ट्रांजिशन सम्मिट’ में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में हरियाणा रीसाइक्लिंग को बढ़ावा देने वाले उन चुनिंदा राज्यों में से एक है जिनमें वाहनों की सिस्टेमैटिक-स्क्रैपिंग और उसमें से स्टील की रीसाइक्लिंग पर काम किया जा रहा है। रोहतक में तो करीब 150 करोड़ रूपए की लागत का एक प्लांट चालू भी हो चुका है जबकि कुछ अन्य बड़ी कंपनियों के साथ सार्थक बातचीत चल रही है ताकि राज्य में स्क्रैप-रीसाइक्लिंग का एक मजबूत बुनियादी ढांचा तैयार किया जा सके। उन्होंने कहा कि जब भारत सरकार वर्ष 2023-24 में अपनी वाहन स्क्रैपिंग नीति शुरू करेगी तो तब तक हरियाणा सरकार राज्य में  ‘ऑटोमैटिक टैस्टिंग सैंटर’ और स्क्रैपिंग सुविधाओं के सहायक बुनियादी ढांचे को तैयार कर लेगी।

श्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने ‘हरेडा’ की स्थापना की गई है, इससे आवास, वाणिज्यिक और औद्योगिक क्षेत्र में ऊर्जा के कुशल उपयोग के लिए हरित भवन के डिजाइनों को प्रोत्साहन दिया जाएगा। राज्य सरकार ने ‘सरल हरियाणा सोलर वॉटर पंप स्कीम 2021’ तैयार की है जिससे 2 एचपी (सतह और सबमर्सिबल) और 5 एचपी (सबमर्सिबल) की क्षमता वाले सौर-पंप बना कर बेचने में हरियाणा के उद्योगों को भी अवसर मिलेगा। लाभार्थी कुल लागत का केवल 10 प्रतिशत देकर ‘पीएम कुसुम योजना सोलर वॉटर-पंप इंस्टॉलेशन स्कीम’ के तहत सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि हरियाणा उन अग्रणी राज्यों में से एक है जहां भवनों की कुछ श्रेणियों के लिए ‘सोलर रूफटॉप प्लांट’ की स्थापना करना अनिवार्य किया गया है।

और पढ़ें :-भाजपा ने की कला और संस्कृति प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों की घोषणा

उपमुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि दिल्ली-चंडीगढ़ हाईवे देश का पहला ‘इलैक्ट्रिक-व्हीक्ल फ्रैंडली हाईवे’ बन गया है जिस पर सौर-आधारित इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए गए हैं।

उन्होंने सभी उद्योगपतियों से आग्रह किया कि हमें उद्योगों में कम कार्बन वाले पदार्थ उपयोग में लाने चाहिएं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार का मुख्य उद्देश्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के उपयोग को बढ़ाने और पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों के माध्यम से उत्पादन की लागत को कम करने पर ध्यान केंद्रित करना है। सभी जिलों विशेषकर दिल्ली के निकट के जिलों में उद्योगों के लिए सीएनजी/पीएनजी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रयास किए जा रहे हंै। धीरे-धीरे उद्योगों को ईंधन के स्वच्छ तरीकों में स्थानांतरित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में जो कंपनियां पारंपरिक ईंधन पैट्रोल, डीजल आदि से चलने वाले वाहन बना रही हैं, उनको भी अपनी तकनीक गैर-पारंपरिक ईंधन वाले वाहन के रूप में बदलने के लिए सहयोग व छूट दी जाएंगी। राज्य में वाहनों के परिवहन से होने वाले प्रदूषण पर काबू पाने के उद्देश्य से हरियाणा सरकार ने एक इलेक्ट्रिक वाहन नीति का मसौदा तैयार किया है। इस नीति का उद्देश्य हरियाणा को विकास के साथ-साथ इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माता के लिए एक वैश्विक-केंद्र बनाना है। इसमें विनिर्माताओं को पूंजीगत सब्सिडी, स्टाम्प शुल्क पर छूट, बिजली सब्सिडी, जल प्रोत्साहन आदि सुविधाएं दी जाएंगी। उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार अपने बेड़े में भी इलेक्ट्रिक वाहनों का अनुपात बढ़ाएगी।