स्वधर्मः धर्मनिष्ठ आचरण का आंतरिक पथ प्रदर्शक विषय पर तकनीकी सत्र आयोजित
चण्डीगढ़, 26 नवम्बर 2025
प्रत्येक व्यक्ति को अपनी क्षमता व रूचि को देखकर अपना कार्य अपनाना चाहिए। यही स्वधर्म है। राष्ट्रहित में काम करने के लिए स्वधर्म का पालन करना अत्यंत आवश्यक है। अगर हम स्वधर्म अपनाते हैं तो हम नकारात्मकता से सकारात्मकता की ओर जाते हैं और हमें परम आनंद की प्राप्ति होती है।
एक सरकारी प्रवक्ता ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, विदेश मंत्रालय और कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के संयुक्त तत्वावधान में श्रीमद्भगवद्गीतोक्त स्वधर्मः कर्तव्यनिष्ठा, शांति, सद्भावना एवं स्वदेशी की प्रेरणा विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय गीता सम्मेलन 2025 के तहत डॉ. भीमराव अम्बेडकर अध्ययन केन्द्र द्वारा स्वधर्मः धर्मनिष्ठ आचरण का आंतरिक पथ प्रदर्शक विषय पर तकनीकी सत्र आयोजित किया गया।
उन्होेंने बताया कि स्वधर्म अपनाने से व्यक्ति का भय दूर होने के साथ-साथ वह सही दिशा में अग्रसर हो जाता है। प्रत्येक व्यक्ति को स्वधर्म अपनाकर जीवन में आगे बढ़ना चाहिए। विद्यार्थी स्वयं से संवाद करें। उससे उन्हें पता चलेगा कि उसकी रूचि किस कार्य में है। उसके बाद ध्यान लगाकर अपना कार्य करें। हमें अपने स्वधर्म का पालन करना चाहिए तभी हम जीवन में सफल हो सकते हैं।
कुरुक्षेत्र महोत्सव के मुख्य कार्यक्रमों का देश के विश्व प्रसिद्ध मंदिरों में हो रहा है लाइव प्रसारण
कुरुक्षेत्र में चल रहे अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव-2025 का देश के विश्व प्रसिद्ध मंदिरों से भी लाइव प्रसारण किया जा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में मध्यप्रदेश को सहयोगी राज्य के रूप में शामिल किया गया है। महोत्सव में मध्य प्रदेश के पवेलियन को स्थापित करके यहां के खान-पान, रहन-सहन, संस्कृति और इतिहास को प्रदर्शित किया जा रहा है।
सहयोगी राज्य मध्य प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर में प्रचार रथ के माध्यम से महोत्सव के कार्यक्रमों का लाइव प्रसारण किया जा रहा है। इसी प्रकार, ओडिशा के पुरी स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर, उत्तर प्रदेश के मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर, गुजरात में द्वारिकाधीश और राजस्थान की राजधानी जयपुर में ठिकाना मंदिर श्री गोविंद देव जी में अन्तर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2025 के मुख्य कार्यक्रमों का लाइव प्रसारण चल रहा है। ये सभी मंदिर देश ही नहीं विदेशों में भी प्रसिद्ध हैं और लाखों श्रद्धालु प्रतिदिन दर्शन करने आते हैं। इन मंदिरों के प्रांगण में हरियाणा सरकार द्वारा बड़े एलईडी स्क्रीन लगाकर कुरुक्षेत्र में चल रहे अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव का लाइव प्रसारण किया जा रहा है।
गीता महोत्सव-2025 गीता पुस्तक मेले में उमड़ा अद्भुत उत्साह
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2025 के अंतर्गत हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी द्वारा ब्रह्मसरोवर के पवित्र तट पर लगाया गया भव्य पुस्तक मेला इस बार अपनी गरिमा, भीड़ और विविधता के कारण विशेष आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। मेले के वातावरण में अध्यात्म, साहित्य और संस्कृति की ऐसी सुगंध बसी कि हर आगंतुक ज्ञान के इस उत्सव का हिस्सा बनने को उत्साहित दिखा।
इस मेले में देशभर के नामी प्रकाशकों ने हिस्सा लिया है। संस्कृत ग्रंथों, पुरातन शास्त्रों, भारतीय इतिहास, योग, अध्यात्म, शिक्षा, विज्ञान, आधुनिक साहित्य और बच्चों की पुस्तकों का विशालतम संग्रह इस बार मेले की पहचान बन गया है। पुस्तक प्रेमियों ने बताया कि ज्ञान और संस्कृति को एक ही छत के नीचे इतने विस्तृत रूप में देखना अत्यंत सुखद अनुभव है।
मेले का उद्देश्य केवल किताबों की बिक्री नहीं, बल्कि पठन-पाठन की संस्कृति को पुनर्जीवित करना, युवा पीढ़ी को ज्ञान से जोड़ना और भारतीय साहित्यिक परंपरा का संरक्षण है। ब्रह्मसरोवर के आध्यात्मिक और शांत वातावरण में लगा यह पुस्तक मेला आगंतुकों के लिए एक अनूठा सांस्कृतिक अनुभव बन चुका है। मेले के दौरान प्रतिदिन कविता गोष्ठियां, लेखक संवाद, संस्कृत नाट्य प्रस्तुतियां, पुस्तक विमोचन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है।

हिंदी






