
चंडीगढ़/ 01 शिरोमणी 2021
अकाली दल ने पंजाब सरकार की उच्च शिक्षा के प्रति अपनाई कठोर कदम के तहत यूनिवर्सिटियों तथा कॉलेजों के अध्यापक वर्ग को 7वां यू.जी.सी वेतन स्केल देने में की जा रही आनाकानी तथा पंजाब की उच्च शिक्षा को यू.जी.सी से डी-लिंक करने के प्रयासों की कड़ी निंदा की है।
और पढ़ें :-एससी भाइचारे के हर बच्चे की अच्छी शिक्षा की गारंटी मेरी है – अरविंद केजरीवाल
पार्टी के प्रवक्ता स.चरनजीत सिंह बराड़ ने कहा है कि पिछले एक महीने से पंजाब की समूह यूनिवर्सिटियों तथा कॉलेजों के अध्यापक हड़ताल पर बैठे हैं जिससे कारण शिक्षा का काम पूर्ण रूप से ठप्प हो गया है, छात्र पढ़ाई से वंचित हो रहे हैं, पर सरकार कुंभकर्णी नींद सो रही है।
उन्होने कहा कि ऐसा करके सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है तथा नाकामी सिद्ध कर रही है।
उन्होने कहा कि यू.जी.सी से टूटकर पंजाब का उच्च शिक्षा का ढ़ांचा तबाह हो जाएगा, क्योंकि इससे मौजूदा यूनिवर्सिटियां तथा कॉलेज आर्थिक रूप से कंगाल होकर बंद हो जाएगें तथा परिणामस्वरूप कुछ अमीर वर्ग के बच्चों को छोड़कर मध्यम वर्ग तथा गरीब वर्ग के बच्चों के लिए शिक्षा पहंुच से बाहर हो जाएगी तथा समाज में अफरा तफरी बढ़ जाएगी। उन्होने कहा कि कांग्रेस सरकार ऐसी खतरनाक तथा तबाह करने वाला खेल खेलने से गुरेज करे। उन्होने कहा कि सस्ती शिक्षा प्रदान करना सरकार का प्राथमिक फर्ज है।
उन्होने कहा कि जब देश के सभी राज्य यू.जी.सी स्केल लागू कर चुके हैं तो केवल पंजाब सरकार की इसके प्रति नाकामी सरकार की किसी गलत भावना की तरफ इशारा करती है।उन्होने कहा कि यदि सरकार ने तुंरत स्केलों समेत अध्यापको की सभी मांगें न मानी तो अकाली दल की सरकार आने पर कैबिनेट मीटिंग में यह सभी मांगें मानी जाएंगी।

हिंदी





