बसपा सत्ता में आकर सिख राजपूत भाईचारे की सभी मुश्किलों का समाधान करेगीः जसवीर सिंह गढ़ी

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 बसपा प्रदेशाध्यक्ष ने बाबा बंदा सिंग बहादर की याद में चल रहे प्रोग्रामों में की शिरकत

फगवाड़ा 27 अक्तूबरः

बहुजन समाज पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सरदार जसवीर सिंह गढ़ी ने मायोपट्टी में बाबा बंदा सिंह बहादर की याद में चल रहे प्रोग्रामों में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी को नमन किया और बाबा बंदा सिंह बहादर जी के अंश-वंश, सिख राजपूत भाईचारे से सिरोपाओ की बख्शिश लेकर आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान प्रैस से मुखातिब होते हुए सरदार गढ़ी ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी सत्ता में आकर सिख राजपूत भाईचारे की तमाम मांगों व मुश्किलों को तत्काल प्रभाव से मानते हुए सिख राजपूत भाईचारे का मान-सम्मान बहाल करेगी।

सरदार गढ़ी ने जानकारी देते हुए बताया कि बाबा बंदा सिंह बहादर ने दशमेश पिता के सपनों का, इन गरीब सिखन को दूं पातशाही, का राज, ज़ुल्म की हकूमत सूबा सरहंद की ईंट से ईंट बजाकर पूरा करके दिखाया था। उन्होंने कहा कि बाबा बंदा सिंह बहादर ने पंजाब में जो राजपाठ लेकर आए वह गुरूओं के सपनों का बेगमपुरा था, जिसमें जाति-धर्म के भेदभाव से ऊपर उठकर बेजमीनों को जमीनें और गरीबों-बेसहारों को आसरा दिया गया और इसकी सबसे बड़ी उदाहरण है कि हजारों सालों से जमीदारी करते आ रहे जट्ट सिख भाईचारे को पहली बार जमीनों का मालिक बनाया गया और यह बाबा बंदा सिंह बहादर की बदौलत ही संभव हुआ।

स. गढ़ी ने आगे कहा कि आजादी के 74 सालों में देश पर शासन करती आ रही कांग्रेस व भाजपा जैसी पार्टियों ने अपने शासन में कभी भी सिख राजपूत भाईचारे को बनता मान-सम्मान नहीं दिया जबकि बहुजन समाज पार्टी की तो बसपा के संस्थापक साहिब कांशी राम जी ने साल 2002 में होशियारपुर विधानसभा का टिकट और अब 2022 में भी होशियारपुर विधानसभा का टिकट बसपा द्वारा सिख राजपूत भाईचारे को दिया गया है। जबकि इससे पहले कुलदीप परहार को 2002 व 2007 में आदमपुर से टिकट दिया गया था और साल 1991 में फगवाड़ा के नरूड़ गांव के सिख राजपूत भाईचारे से सुरजीत सिंह को आदमपुर से बसपा ने टिकट दी थी।

स. गढ़ी ने बताया कि सिख राजपूत भाईचारे में से आते बहुत ही विद्वान, पीएचडी डा. वरिंदर परहार को बसपा ने होशियारपुर से टिकट देकर सिख राजपूत भाईचारे को विधानसभा में पहुंचाने की कोशिश शुरू कर दी है।

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स. गढ़ी ने कहा कि आज यहां पंडाल में आकर नतमस्तक होकर और लंगर छककर, चर्चा करते हुए उन्होंने आत्मिक-शांति और आनंद की अनुभूती की है वहीं यह भी समझा है कि सिख राजपूत भाईचारे को पिछले समय दौरान ओबीसी सूची में शामिल किया था जोकि सरकार का यह फैसला पुनर्मंथन की मांग करता है। सरदार गढ़ी ने सिख राजपूत भाईचारे को आश्वासन देते हुए कहा कि वे जल्द ही सिख राजपूत भाईचारे के बड़े नेताओं के साथ बातचीत करके उनकी मांगों व मुश्किलों को सुनकर व समझ कर सत्ता में आकर उनके समाधान का प्रबंध किया जाएगा।

इस दौरान उनके साथ बसपा पंजाब के महासचिव हरभजन सिंह बलालों, जसवीर सिंह खालसा, राज कुमार पांछटा आदि शामिल थे।