गांव टींट के किसान दीपक को सरसों में डीएपी की बजाए एसएसपी से मिला अधिक उत्पादन, किसानों को दिखाई नई राह
डीसी यशेन्द्र सिंह ने की दीपक की प्रशंसा, कृषि विशेषज्ञ भी करते हैं सरसों में एसएसपी के इस्तेमाल की सिफारिश
चंडीगढ़, 17 अक्टूबर 2021
सरसों की बिजाई के लिए डीएपी की बजाए सिंगल सुपर फास्फेट (एसएसपी) का प्रयोग कम लागत पर अधिक उत्पादन देने में कारगर साबित हुआ है। डीएपी की तुलना में एसएसपी न केवल सस्ता बल्कि मंडी में उपज का भाव भी अधिक है। रेवाड़ी जिला के गांव टींट के किसान दीपक पुत्र सतपाल ने एसएसपी के फायदों से प्रभावित होकर पिछले तीन वर्षों से सरसों की बिजाई में डीएपी का इस्तेमाल बंद कर दिया है।
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दाने में चमक व तेल ज्यादा होने से मिला अधिक भाव
गांव टींट में सरसों की बिजाई से पूर्व अपने खेत में एसएसपी डाल रहे दीपक ने बीते वर्ष का अनुभव सांझा करते हुए बताया कि पिछले साल मंडी में जब सरसों का 5500 से छ: हजार रुपए प्रति क्विंटल भाव था उस समय उसकी सरसों के दाने में चमक व तेल की मात्रा अधिक थी। लैब टेस्ट में अन्य सरसों में तेल की मात्रा 36-37 फीसदी थी जबकि उसके दाने में यह मात्रा 40 फीसदी मिली। जिसके चलते उसे मंडी में सबसे अधिक 6900 रुपए प्रति क्विंटल का भाव भी मिला था।
एक एकड़ में दो बैग एसएसपी की करें बिजाई
किसान दीपक ने बताया रेवाड़ी जिला में इन दिनों एसएसपी का एक बैग 350 रुपए में मिल रहा है। प्रति एकड़ बिजाई में वह दो बैग एसएसपी व 35 किग्रा यूरिया का प्रयोग करता है। जबकि डीएपी के बैग की कीमत 1200 रुपए है। इस साल चार एकड़ में वह सरसों की बिजाई करेगा। चार वर्ष पूर्व उसने डीएपी के साथ एसएसपी मिलाकर इस्तेमाल की थी लेकिन बीते वर्षों से वह केवल एसएसपी का ही प्रयोग कर रहा है। उन्होंने बताया कि अब अन्य किसान भी उससे सलाह लेने के साथ-साथ खेती में एसएसपी का इस्तेमाल करने लगे हैं।
कृषि विशेषज्ञों ने की एसएसपी के इस्तेमाल की अनुशंसा

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