पॉपुलर व सफेदा को भी वैकल्पिक फसलों में किया शामिल

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चंडीगढ़, 5 जुलाई – मेरा पानी मेरी विरासत योजना के तहत अभी तक सिर्फ गैर बासमती धान की जगह ही वैकल्पिक फसलें लगाने पर किसान इस योजना का लाभ उठा सकते थे लेकिन अब बासमती धान की जगह भी वैकल्पिक फसलें लगाने पर किसान योजना का लाभ उठा सकेंगे।

हरियाणा के कृषि तथा किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ0 सुमिता मिश्रा ने बताया कि  किसानों के हित को देखते हुए माननीय मुख्यमंत्री जी ने इस योजना का विस्तार करते हुए पॉपुलर और सफेदा को भी वैकल्पिक फसलों की सूची में शामिल किया है ताकि धान के क्षेत्र को कम किया जा सके। इस सूची में पहले मक्का, कपास, खरीफ दलहन (अरहर, मूंग, मोठ, उड़द, सोयाबीन व गवार), खरीफ तिलहन (मूंगफली, अरंड व तिल), चारा फसलें, बागवानी/सब्जी (खरीफ प्याज सहित), खाली खेत शामिल थे। बासमती व गैर बासमती दोनों प्रकार के धान की जगह उसी किला नं0 में इन वैकल्पिक फसलों को उगाने पर 7000/- रूपये प्रति एकड़ अनुदान राशि सीधे पात्र किसानों के बैंक खातों में भौतिक सत्यापन उपरांत दी जाएगी। इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर 31-07-2022 तक अपना पंजीकरण करवा सकते हैं।

 

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