कठोर तप और यज्ञ से ऋषि वाल्मीकि बने थे महर्षि: राज्यमंत्री कमलेश ढांडा

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स्वैच्छिक कोष से दिए 21 लाख रुपए


चंडीगढ़, 19 अक्तूबर –  हरियाणा की महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती कमलेश ढांडा ने कहा कि कठोर तप एवं यज्ञ से ऋषि वाल्मीकि महर्षि बने। उन्होंने महाकाव्य रामायण के माध्यम से समाज में सभी रिश्तों को निभाने एवं समाज को सशक्त बनाने का जो संदेश दिया है, उस पर चलकर हमें राम राज्य स्थापना का संकल्प पूरा करना है। उन्होंने समाज के एक-एक नागरिक से आह्वान किया कि वो सरकार द्वारा बनाई गई योजनाओं का लाभ लें तथा अपने आसपास के लोगों को इसके लिए जागरूक भी करें, तभी हम सब मिलकर समाज का उत्थान कर पाएंगे, जो खुद महर्षि वाल्मीकि जी भी चाहते थे।  


श्रीमती ढांडा आज कलायत में आयोजित महर्षि वाल्मीकि जयंती कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि बोल रहीं थी। महर्षि वाल्मीकि के चित्र पर पुष्प अर्पित करने उपरांत उन्होंने जयंती कार्यक्रम को संबोधित तथा समाज द्वारा रखी गई विभिन्न मांगों को पूरा करने का भरोसा देने के साथ-साथ 21 लाख रुपए अपने  स्वैच्छिक कोष से दिए। उन्होंने कहा कि भारत ऋषि-मुनियों, संतों और महापुरुषों का देश है और भारत की भूमि पर अनेक महावीर एवं पराक्रमियों ने जन्म लेकर इस धरा का गौरव बढ़ाया है। इस धरती से शिक्षा ज्ञान का ब्रह्मांड में जो विस्तार हुआ है, वह हमारे लिए गौरव का विषय है।
राज्यमन्त्री ने कहा कि उन्हें गर्व है कि वो, उस सरकार का हिस्सा हैं, जिसमें महापुरुषों की विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाने के लिए उनकी जयंतियों को राज्य स्तरीय तथा जिला स्तरीय कार्यक्रमों के माध्यम से मनाती है।