चंडीगढ़, 14 जनवरी- हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने लकड़िया (झज्जर) निवासी श्री रामचन्द्र अहलावत को 76 साल की आयु में योग में स्वर्ण पदक जीतने पर हार्दिक बधाई व शुभकामनाएॅं दी है। श्री अहलावत ने 50 प्लस आयु वर्ग में पुडुचेरी में आयोजित अन्तराष्ट्रीय योग फैस्टिवल में प्रथम स्थान हासिल किया है।
राज्यपाल श्री दत्तात्रेय ने दूरभाष के माध्यम से उनका उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि इस आयु मे योग करना बीमारियों से दूर रहना है। योग व्यक्ति की इच्छा शक्ति मज़बूत करता है और स्फूर्तिवान तथा उर्जावान बनाता है। उन्होनें श्री रामचन्द्र को योग का प्रचार प्रसार करने की सलाह दी ताकि सभी लोग योग करें और स्वस्थ रहे ।
उन्होने कहा कि श्री रामचन्द्र अहलावत का योग में स्वर्ण पदक जीतना प्रदेशवासियों के लिए गर्व की बात है । योग स्वास्थ्य के लिए आदर्श जीवन है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय योग पद्वति को आगे बढ़ाने के उदेश्य से अन्तराष्ट्रीय स्तर पर 21 जून को अन्तराष्ट्रीय योग दिवस घोषित करवाया। उन्होने कहा है कि देश और प्रदेश में योग को निरंतर बढ़ावा मिल रहा है। यह देशवासियों के लिए गर्व की बात है।
दूरभाष पर हुई इस बातचीत में श्री रामचन्द्र अहलावत ने राज्यपाल श्री दत्तात्रेय का धन्यवाद करते हुए कहा कि उनके द्वारा दी गई शुभकामनाओं से उनका सीना और चोड़ा हो गया है। अब वे ओर ज्यादा उत्साह के साथ योग तो करेंगें ही, आमजन में भी योग का प्रचार-प्रसार करेंगें । उन्होनें योग को आदर्श जीवन पद्वति बताया। उन्होने कहा कि वर्ष 2009 में वे गम्भीर बीमारी से पीड़ित हुए और उसके बाद योग शुरू किया तो उनका जीवन बदल गया और अब 76 वर्ष की आयु में अब पूरी तरह स्वस्थ है।
कैप्शन-1- हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय
शुक्रवार को झज्जर) जिलें के लकड़िया निवासी श्री रामचन्द्र अहलावत को 76 साल की आयु में योग में स्वर्ण पदक जीतने पर दूरभाष के माध्यम से हार्दिक बधाई व शुभकामनाएॅं देते हुए।
चंडीगढ़, 14 जनवरी- हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने देश और प्रदेशवासियों को मकर सक्रान्ति की शुभकामनाएॅं देते हुए प्रदेश के लोगों के बेहतर स्वास्थ्य, समृद्धि एवं खुशी की कामना की है।
उन्होने कहा कि मकर सक्रान्ति का पर्व हरियाणा में सकरांत के रूप में बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाता है। यह पर्व हरियाणा में बेटी के सम्मान और बुजुर्गो के आशीर्वाद का प्रतीक है। इस दिन सभी लोग अपने बडे़ बुजुर्गों को सम्मान स्वरूप शालॅ, चद्दर व कम्बल भेंट करते है और बुजुर्गो का आशीर्वाद प्राप्त करते है। सक्रान्त पर्व पर बेटियों को मायके (पीहर) की ओर से मिठाई के रूप सिद्धा के साथ उसके सास-ससुर के लिए कपड़े भेजे जाते है। जिससे बेटी को ससुराल पक्ष में सम्मान मिले।
उन्होने कहा है कि मकर संक्रान्ति का पर्व तमिलनाडू में पोंगल, गुजरात में उत्तरायण, आसाम सहित उत्तर-पूर्व में बिहु के रूप मे मनाया जाता है इसलिय यह त्यौहार भारत की अनेकता में एकता को प्रमाणित करता है। भारतीय त्यौहार देश की सभ्यता व संस्कृति के प्रतीक है। इसलिए सभी लोग पौराणिक त्यौहारों को पूरी श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ मनाते रहे, तभी भारतीय संस्कृति और अधिक समृद्व होगी।

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