युवा पीढ़ी लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए निभाए सकारात्मक भूमिका: मुख्यमंत्री

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जयपुर, 14 अप्रेल। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि देश के भविष्य की जिम्मेदारी हमारी नई पीढ़ी पर है। युवा पीढ़ी संविधान के अनुरूप देश को आगे बढ़ाने तथा लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए अपनी सकारात्मक भूमिका का निर्वहन करे। उन्होंने कहा कि देश के बेहतर भविष्य के लिए जरूरी है कि शिक्षा की गुणवत्ता उच्च कोटि की हो।
श्री गहलोत गुरूवार को होटल क्लार्क्स आमेर में डॉ. भीमराव अम्बेडकर विधि विश्वविद्यालय द्वारा ‘विधि शिक्षा की गुणवत्ता: सम्बद्ध विधि महाविद्यालयों के संदर्भ में’ विषय पर आयोजित एक दिवसीय सेमिनार के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विधि की शिक्षा बहुत ही संवेदनशील विषय है। इसका सरोकार मानव मात्र के हितों की रक्षा और जरूरतमंदों को त्वरित न्याय दिलाने से है। ऐसे में प्रदेश में इसकी गुणवत्ता बनाए रखने के लिए राज्य सरकार ने डॉ. अम्बेडकर विधि विश्वविद्यालय को फिर शुरू किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की आवश्यकता को देखते हुए हमारी सरकार के पिछले कार्यकाल में हरिदेव जोशी पत्रकारिता विश्वविद्यालय एवं डॉ. अम्बेडकर विधि विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी, लेकिन पूर्ववर्ती सरकार ने दोनों को बंद कर दिया। हमारी सरकार ने दोनों विश्वविद्यालयों को फिर से शुरू किया है। उन्होंने कहा कि डॉ. अम्बेडकर के नाम से स्थापित यह देश का तीसरा विधि विश्वविद्यालय है।

श्री गहलोत ने कहा कि देश के निर्माण में हर वर्ग और समुदाय की भूमिका होती है। डॉ. अम्बेडकर ने हमें ऐसा संविधान दिया, जिसमें सभी धर्म, सुमदाय और विचारों को मानने वालों को समान अधिकार दिए गये हैं। इस मजबूत संविधान के कारण ही हमारा देश दुनिया का सशक्त लोकतंत्र बना हुआ है। उन्होंने कहा कि अपने धर्म के साथ ही अन्य सभी धर्मों का समान रूप से सम्मान करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए संवैधानिक संस्थाओं को और सुदृढ़ किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने राजनैतिक दलों को चंदा देने के लिए चल रही इलेक्टोरल बॉन्ड की व्यवस्था में सुधार पर भी बल दिया। श्री गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार ने मानवीय दृष्टिकोण के आधार पर प्रदेश में 1 जनवरी 2004 एवं इसके बाद नियुक्त सरकारी कार्मिकों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू की है। इससे इन सरकारी कार्मिकों एवं उनके परिवारों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
उच्च शिक्षा राज्यमंत्री श्री राजेंद्र सिंह यादव ने कहा कि विधि छात्र-छात्राओं पर समाज को नई दिशा देने का बड़ा दायित्व होता है। वे समाज के हित में अपनी भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि डॉ. अम्बेडकर विधि विश्वविद्यालय से सम्बद्ध विधि कॉलेजों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग की जा रही है।

विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. देव स्वरूप ने कहा कि इस एक दिवसीय सेमीनार में 82 लॉ कॉलेजों के प्राचार्य, प्रबंधक, शिक्षक और विद्यार्थियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया है। सेमिनार में प्रतिभागियों को देश के जाने-माने विधि विशेषज्ञों को सुनने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की जिस सोच के साथ इस विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है, उसमें किसी तरह की कमी नहीं रखी जाएगी। कुलसचिव श्री अयूब खां ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

 

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