बिना किसी दबाव के कानून का पालन सुनिश्चित किया जाए

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थाने में आए फरियादी की वेदना समझें पुलिस अधिकारी :-  मुख्यमंत्री

जयपुर, 30 मार्च । मुख्यमंत्री श्री अषोक गहलोत ने कहा कि बिना किसी दबाव के कानून की पालना सुनिश्चित करते हुए पुलिस अपना इकबाल कायम करे ताकि अपराधियों में खौफ पैदा हो। उन्होंने कहा कि अपनी पीड़ा लेकर थाने में आए फरियादी की वेदना को समझते हुए पुलिस अधिकारी संवेदनशील होकर उसकी मदद करें, ताकि उसे त्वरित न्याय मिल सके।

श्री गहलोत बुधवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पुलिस महानिरीक्षकों एवं जिला पुलिस अधीक्षकों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पुलिस महकमे का कार्य अत्यन्त चुनौतीपूर्ण है तथा पुलिसकर्मियों से कई जिम्मेदारियां भी जुडी हुई हैं। पुलिस को इन जिम्मेदारियों का निर्वहन संवेदनशीलता के साथ करना होगा। उन्होंने कहा कि पुलिस की कार्य प्रणाली के बारे में आम जन की धारणा को बदलने और पुलिस का इकबाल कायम करने में जिला पुलिस अधीक्षकों की भूमिका काफी अहम है। निचले स्तर तक कानून व्यवस्था की स्थिति को सुदृढ़ बनाने में एसपी अपनी सकारात्मक भूमिका का निर्वहन करें। जिलों में थाने एवं चौकी स्तर तक मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाए और प्रो-एक्टिव पुलिसिंग से प्रभावी अपराध नियंत्रण हो। उन्होंने ठगी, ड्रग्स एवं नशीली दवाइयों के अवैध कारोबार, राजमार्गों पर बढ़ रहे अपराध तथा विभिन्न गिरोहों द्वारा किए जा रहे संगठित अपराधों के मामलों में भी प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कई जगह अपराधी किस्म के लोगों द्वारा अवैध नाके लगाकर वसूली करने की शिकायतें आई हैं, यह काफी गंभीर है और इससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लगे हैं। उन्होंने बजरी एवं अवैध खनन के मामलों में पुलिस की और सक्रियता की आवश्यकता जताई। उन्होंने निर्देश दिए कि संवेदनशील मामलों में मीडिया को वास्तविक स्थिति से तुरंत अवगत कराएं, ताकि अफवाहों से कानून-व्यवस्था की स्थिति नहीं बिगडे़। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में पश्चिमी राजस्थान में क्रूड ऑयल निकलने, रिफाइनरी, सोलर पावर प्लांट तथा विंड एनर्जी इकाइयों की स्थापना के कारण औद्योगिक गतिविधियां काफी बढ़ी हैं। ऐसे में इन क्षेत्रों में उद्यमियों को किसी तरह की परेशानी नहीं आए, इसके लिए माफिया एवं आपराधिक घटनाओं पर विशेष नजर रखी जाए। पुलिस अधिकारी उद्यमियों के साथ बैठक कर कानून-व्यवस्था से संबंधित उनकी समस्याओं की जानकारी लेते रहें।

श्री गहलोत ने कहा कि एसपी एवं एएसपी स्तर के अधिकारी नियमित रात्रि गश्त करें। गंभीर अपराधों के मामले में उच्च स्तर के अधिकारी स्वयं मौके पर जाकर उचित तफ्तीश सुनिश्चित करें। उन्होंने पुलिस में टीम भावना कायम करने एवं सिपाहियों का मनोबल बढ़ाने के लिए पुलिस अधीक्षकों को पुलिस लाइन की परेड में शामिल होने के निर्देश दिए। साथ ही पुलिस महानिदेशक एवं पुलिस मुख्यालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दिये गए निर्देशों की त्वरित पालना सुनिश्चित करने को कहा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पुलिस की कार्यषैली को आधुनिक, पब्लिक फ्रेंडली एवं प्रो-एक्टिव बनाने के उद्देष्य से थानों में स्वागत कक्ष, महिला अपराधों की रोकथाम एवं प्रभावी अनुसंधान के लिए हर जिले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के पद के सृजन, अनिवार्य एफआईआर रजिस्टेªषन, जघन्य अपराधों के लिए अलग इकाई का गठन, महिला डेस्क का संचालन, सुरक्षा सखी, पुलिस मित्र, ग्राम रक्षक, महिला शक्ति आत्मरक्षा केंद्र जैसे नवाचार किए हैं। इन नवाचारों के और बेहतर परिणाम हासिल हों। उन्होंने निर्देश दिए कि जिन थानों में स्वागत कक्ष नहीं बने हैं, वहां यह काम जल्द पूरा किया जाए। जिला पुलिस अधीक्षक स्वागत कक्षों का निरीक्षण करें, ताकि जिस मंशा के साथ इनका निर्माण किया गया है, उसे पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग के लिए बजट में कई घोषणाएं की गई हैं। भविष्य में भी संसाधनों की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।

गृह राज्यमंत्री श्री राजेन्द्र सिंह यादव ने कहा कि पुलिस अधीक्षक संगठित अपराधों पर नियंत्रण के लिए तैयार एसओपी की पालना के साथ ही अपने क्षेत्र में भगोड़ा घोषित अपराधियों की संपत्ति की कुर्की एवं जब्ती की कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि टीम भावना का संचार करते हुए निचले स्तर तक पुलिस कर्मियों का मनोबल बढ़ाने की दिशा में प्रभावी प्रयास किये जाएं।

मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा ने कहा कि पुलिस अधीक्षक अपने जिलों में बेहतर कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करें। उन्होंने महिलाओं के प्रति अपराधों के प्रकरणों में गंभीर एवं प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए।

पुलिस महानिदेशक श्री एमएल लाठर ने ‘अपराधियों में डर एवं आमजन में विश्वास’ का पुलिस का ध्येय कायम रखते हुए अग्रेसिव पुलिसिंग पर जोर दिया। उन्होंने राजकीय कर्मचारियों पर हमले एवं राजकीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के प्रकरणों में त्वरित कार्यवाही करने, संगठित अपराधों में शामिल गिरोहों की पहचान करने तथा अपराधियों के साथ पुलिस के गठजोड़ की शिकायत पर संबंधित पुलिसकर्मी के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।

डीजी इंटेलिजेंस श्री उमेश मिश्रा ने सर्किल एवं थाना स्तर पर परिवादियों को सुनने का सिस्टम विकसित करने तथा केस की जांच में प्रोफेशनल अप्रोच रखने का सुझाव दिया। एडीजी अपराध श्री आरपी मेहरड़ा ने लम्बे समय से पेंडिंग केसेज के त्वरित निस्तारण एवं आपराधिक मामलों में उपयुक्त धाराएं लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि रेंज आईजी, कमिश्नर एवं एसपी अपने स्तर पर भी डिकॉय ऑपरेशन चलाकर थानों की कार्यप्रणाली का निरीक्षण करें। एडीजी कानून व्यवस्था श्री हवासिंह घुमरिया, एडीजी सिविल राइट्स श्रीमती स्मिता श्रीवास्तव एवं अन्य अधिकारियों ने भी महत्वपूर्ण सुझाव दिए।

बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह श्री अभय कुमार एवं एडीजी एसओजी श्री अशोक राठौड़ उपस्थित थे। जयपुर एवं जोधपुर पुलिस कमिश्नर, विभिन्न रेंज के पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस मुख्यालय के अधिकारी, सभी जिलों के एसपी, एएसपी एवं अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी वीसी से जुडे़। जिला पुलिस अधीक्षकों ने अपने-अपने जिलों में अपराध नियंत्रण की दिशा में उठाए गए कदमों की जानकारी दी। दो दिवसीय यह बैठक गुरूवार को भी जारी रहेगी।

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