भारी वजन, शुगर-हाई बीपी वाले मरीजों के रोबोटिक सर्जरी से सफल किडनी ट्रांस्पलांट हुए संभव: डा. प्रियदर्शी रंजन

‘स्मार्ट’ रोबोटिक किडनी ट्रांसप्लांट के जरिए 138 किलोग्राम वजन वाले 57 वर्षीय मरीज का किडनी ट्रांसप्लांट किया सफलतापूर्वक
रोबोटिक किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी करने वाला फोर्टिस मोहाली पंजाब का पहला अस्पताल बना
प्रक्रिया कम दर्द, कम निशान सुनिश्चित करती है और रोगी 3-4 दिनों के भीतर सामान्य जीवन कर पाता है व्यतीत
पटियाला, 10 दिसंबर :- ( ): मेडीकल जगत में आई तकनीकी क्रांति से अब जटिल बीमारियों वाले मरीजों को नया जीवन मिल रहा है, वहीं रोबोटिक सर्जरी से कई गंभीर बीमारियों से जुड़े मरीजों के सफल किडनी ट्रांस्पलांट भी संभव हो पाएं हैं। यह बात आज पटियाला में जाने माने किडनी ट्रांस्पलांट सर्जन डा. प्रियदर्शी रंजन ने कही, जो कि अब तक एक हजार से अधिक सफल ट्रांस्पलांट सर्जरी को अंजाम दे चुके हैं। उन्होंने हाल ही में गंभीर बीमारियों से पीडि़त 138 भार वाले 57 वर्षीय पटियाला के मरीज का ‘स्मार्ट’ रोबोटिक सर्र्जरी के जरिए सफल किडनी ट्रांस्पलांट कर उसे नया जीवन दिया है।
फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली के यूरोलॉजी, रोबोटिक्स और किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी के डायरेक्टर प्रियदर्शी रंजन ने बताया कि किडनी ट्रांस्प्लांट की आवश्यकता वाले रोगी जो कि शुगर, उच्च रक्तचाप व स्लीप एपनिया जैसी अन्य बीमारियों से भी ग्रस्त हों, उनके लिए विश्व स्तरीय सुविधा ‘स्मार्ट’ (स्कारलेस मैग्निफाइड एडवांस्ड रोबोटिक किडनी ट्रांसप्लांटेशन) तकनीक आशा की किरण बनी है, जो चौथी पीढ़ी के रोबोट दा विंची एक्सआई सिस्टम का उपयोग करके की गई एक नई प्रक्रिया है।
डा. रंजन ने बताया कि उक्त मरीज मनोज कुमार जिसका भारी वजन होने के चलते वह मधुमेह, उच्च रक्तचाप और स्लीप एपनिया जैसी अन्य को-मोरबीडीटीज़ थीं, जिसने मरीज़ के स्वास्थ्य के लिए जोखिम पैदा किया और ट्रांसप्लांट को जोखिम भरा और चुनौतीपूर्ण बना दिया। उन्होंने बताया कि उक्त रोगी हाई ब्लड प्रेशर, फ्लूएड बिल्ड अप (एडिमा), रेड ब्लड सेल्स में कमी, कमजोर हड्डियों और थकान का अनुभव कर रहा था। इससे उनका क्रिएटिनिन स्तर बढ़ गया था जिसके बाद उन्होंने कई अस्पतालों का दौरा किया और उन्हें डायलिसिस की सलाह दी गई। अंतत: रोगी को स्मार्ट रोबोटिक किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी कराने की सलाह दी गई।
मामले पर चर्चा करते हुए, डॉ रंजन ने कहा कि मरीज की रोबोटिक किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी हुई, जिसमें उसे अपनी पत्नी से एक किडनी मिली। ऑपरेशन के बाद वह ठीक हो गया और अगले दिन वे अपने आप चलने में सक्षम हो गए। हमने उन्हें सामान्य वजन बनाए रखने और संतुलित आहार लेने की सलाह भी दी। रोगी आज सामान्य जीवन जी रहा है और उसका वजन अब लगभग 88 किलोग्राम है।
रोबोटिक सर्जरी के लाभों के बारे में बताते हुए, डॉ. रंजन ने कहा कि रोबोटिक सर्जरी के पारंपरिक सर्जरी की तुलना में बेहतर क्लीनिकल परिणाम हैं क्योंकि इसमें कम खून की कमी, कम दर्द, कम निशान, कम अस्पताल में रहने और तेजी से रिकवरी होती है। पारंपरिक खुली प्रक्रिया के विपरीत, जिसमें शरीर पर 25-30 सेंटीमीटर का कट शामिल होता है, नई तकनीक में 6 सेमी का एक छोटा चीरा शामिल होता है, जो नॉन मसल्स को काटने वाला होता है और रोगी को तीन या चार दिनों के भीतर अपनी दैनिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने की अनुमति देता है। एडवांस स्टेट-ऑफ-आट्र्स रोबोटिक सर्जिकल सिस्टम ने किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी में क्रांति ला दी है। इसके साथ, फोर्टिस मोहाली किडनी ट्रांसप्लांट के लिए रोबोटिक सर्जरी की पेशकश करने वाला पंजाब का पहला और उत्तर भारत में दूसरा अस्पताल बन गया है।