दलित विद्यार्थियों के वजीफे के पैसे हड़पने के मामले में हरपाल चीमा ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को लिखा पत्र

harpal Singh Cheema, LoP Punjab

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग से मनप्रीत बादल और साधु सिंह धर्मसोत को तलब करने की मांग की
मंत्रियों के भ्रष्टाचार के कारण दो लाख दलित विद्यार्थियों का भविष्य अंधेरो में
चंडीगढ़, 12 जून 2021
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के सीनियर नेता और पंजाब विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को पत्र लिख कर मांग की है कि पंजाब में अनुसूचित जातियों के दो लाख विद्यार्थियों के वजीफे की रकम हड़पने के दोष के अंतर्गत प्रदेश के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल और मंत्री साधु सिंह धर्मसोत को आयोग के सामने तलब किया जाए और बनती कार्यवाही की जाए।
हरपाल सिंह चीमा ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन विजय सांपला को लिखे पत्र में दोष लगाया कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह और कांग्रेस पार्टी की सरकार ने एस.सी वर्ग के विद्यार्थियों के वजीफे की रकम में बड़ा घोटाला किया है, जिस कारण आज पंजाब के एस.सी विद्यार्थियों का जीवन बर्बाद हो रहा है।
हरपाल सिंह चीमा ने आयोग को लिखे पत्र में पंजाब के वित्त और योजना मंत्री मनप्रीत सिंह बादल और सामाजिक न्याय और भलाई मंत्री साधु सिंह धर्मसोत के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग करते कहा कि पंजाब सरकार की ओर से पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम में घोटाला करके वजीफे के पैसों का दुरुपयोग किया है, जिस कारण पंजाब के प्राईवेट कालेजों की ओर से लगभग दो लाख से अधिक दलित विद्यार्थियों के रोल नंबर रोक लिए गए हैं।
चीमा ने कहा वजीफा रकम न मिलने के कारण इन विद्यार्थियों के भविष्य पर प्रश्न चिन्ह लग चुका है। यह विद्यार्थी अपनी डिग्री प्राप्त करने से इसी लिए वंचित रह गए कि वह दलित वर्ग से सम्बन्ध रखते हैं। उन्होंने कहा कि एस.सी वर्ग के विद्यार्थियों से शिक्षा प्राप्ति का हक छीनने वाले और अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी से भागने वाले मंत्रियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जानी अति जरूरी है। दलित बच्चे पहले ही अनेकों मुसीबतें सह कर ऊंची शिक्षा तक पहुंचते हैं, परंतु ऐसे हालातों में मंत्रियों के घोटालों के कारण उनका भविष्य धुंधला हो जाना अति चिंताजनक और निंदनीय है।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि आम आदमी पार्टी की ओर से लम्बे समय से इस मुद्दे से सम्बन्धित बार बार आवाज उठाई गई है, परंतु दलित विद्यार्थियों को लूटने वाले मंत्रियों के खिलाफ अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। उन्होंने दोष लगाया कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह प्रदेश के कामों में कोई रूचि नहीं ले रहे और उनको दलित विद्यार्थियों की कोई परवाह नहीं है। चीमा ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के प्रमुख से मांग की है कि इस घोटाले में शामिल कैबिनेट मंत्री मनप्रीत सिंह बादल और कैबिनेट मंत्री साधु सिंह धर्मसोत के खिलाफ दलित बच्चों के हक मारने और उनका भविष्य खराब करने के दोष के अंतर्गत कमिशन के नियम के अनुसार मामला दर्ज करके बनती कार्यवाही की जाए। चीमा ने कहा कि ऐसा करना बेहद जरूरी है, जिससे भविष्य में कोई भी दलित बच्चों के भविष्य से इस तरह खिलवाड़ करने की हिम्मत न कर सके।