सोनीपत के खरखौदा में मारुति प्लांट लगाने का रास्ता साफ, बैठक में बनी सहमति
आदित्य बिरला ग्रुप की ग्रासिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड का प्लांट पानीपत में लगेगा
-रेलवे पार्ट्स बनाने की कंपनी लगाने का भी हरियाणा को मिला ऑफर, रोहतक में लगाया जाएगा
उन्होंने बताया कि मारुति द्वारा खरखौदा में लगभग 900 एकड़ जमीन पर प्लांट स्थापित करने को लेकर चल रही बातचीत को आज अंतिम रूप दिया गया है। कंपनी के वरिष्ठ प्रबंधन के साथ इस बारे में विस्तार से विचार विमर्श हुआ है। यदि कंपनी 45 दिनों के भीतर तय की गई पूरी राशि जमा करवा देती है तो उसे पॉलिसी अनुसार कुल राशि पर 10 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। इसके साथ ही सरकार द्वारा कंपनी को 15 साल के लिए एसजीएसटी की रीइमब्रसमेंट दी गई है। इससे मारुति कंपनी द्वारा प्रोडक्शन को और अधिक बढ़ाया जाएगा जिससे ऑटो उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।
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इसके अलावा, एक अन्य कंपनी ग्रासिम पेंट्स की है जिसे स्थापित करने की बातचीत पहले रोहतक में चल रही थी लेकिन किन्ही कारणों से अब वे इस प्लांट को पानीपत में स्थापित करना चाहते हैं। इस प्लांट के एक्सचेंज में कुछ नई शर्तों को जोड़ा गया है। इस कंपनी को भी पॉलिसी अनुसार छूट दे दी गई है। यह उद्योग 70 एकड़ भूमि पर स्थापित होगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि एक अन्य प्रौजेक्ट रेलवे के पार्ट्स बनाने का भी आया है जिस पर आज बातचीत प्रारंभ हुई है। यह प्रौजेक्ट रोहतक में लगाया जाएगा।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने आज गुरुग्राम के लोक निर्माण विश्राम गृह परिसर से मच्छरजनित बिमारियों की रोकथाम के लिए प्रदेश भर के गांवों के लिए फोगिंग मशीनें वितरित करने की शुरूआत की। प्रदेश के उन पांच हजार गांवो में ये मशीनें दी जाएंगी जहां पर ये मशीनें नही हैं। इस अवसर पर उन्होंने फोगिंग मशीन को चलाकर भी देखा और गुरुग्राम जिला की 11 पंचायतों को अपने कर -कमलों से ये मशीनें भेंट की। इस अवसर पर उनके साथ उप मुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला भी उपस्थित रहेे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मच्छरजनित बिमारियों की रोकथाम के लिए इन मशीनों का प्रयोग किया जाएगा। वर्तमान में मौसम में भी परिवर्तन हुआ है और डेंगू भी चल रहा है ,ऐसे में हमारा प्रयास है कि मच्छरजनित बिमारियां को फैलने से रोका जाए। उन्होंने कहा कि इन मशीनों को आज से प्रदेश के जिलो में वितरित करने का कार्य शुरू किया गया है।
प्रदूषण संबंधी विषय पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास है कि केवल दिल्ली एनसीआर ही नही बल्कि प्रदेश के शहरों व गांवो में प्रदूषण कम हो। इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा गंभीरता से प्रयास किए जा रहे हैं। फसल अवशेष प्रबंधन के लिए किसानों को उपकरण तथा मशीनें सब्सिडी पर दी गई हैं। उन्होंने बताया कि हरियाणा में पराली जलाने के मामलों में काफी कमी आई है। हमारे यहां पराली जलाने के 183 मामले दर्ज किए गए हैं जबकि हमारे साथ पंजाब में लगभग 3500 मामले पराली जलाने के सामने आए हैं। ये मामले सैटेलाइट इमेजरी से प्राप्त फोटों के आधार पर दर्ज होते हैं, इसके लिए मौके पर जाने की जरूरत नही होती। इसके अलावा, प्रदूषण नियंत्रण को लेकर माननीय उच्चतम न्यायालय का जो भी आदेश होगा उसे दृढ़ता से लागू किया जाएगा।

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