हरियाणा सरकार ने गेहूं की किस्म एच0डी0-2967 के प्रमाणित बीज पर अनुदान की समयसीमा बढ़ाई

Haryana Government today procured 1.20 lakh tonnes of wheat through various procurement agencies on MSP

हरियाणा सरकार ने गेहूं की किस्म एच0डी0-2967 के प्रमाणित बीज पर अनुदान की समयसीमा बढ़ाई

चण्डीगढ, 31 दिसंबर- हरियाणा सरकार ने गेहूं की किस्म एच0डी0-2967 के प्रमाणित बीज पर अनुदान की समयसीमा को रबी 2021-22 तक बढ़ाने का निर्णय लिया है।

कृषि विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत सरकारी एजेन्सियों द्वारा बेचे जाने वाले गेहूं के प्रमाणित बीजों पर किसानों को प्रति वर्ष अनुदान प्रदान किया जाता है। यह अनुदान गेहूं की उन्हीं किस्मों पर दिया जाता है जिन किस्मों की अधिसूचना की सीमा 10 वर्ष से कम हो।

उन्होंने बताया कि गेहूं की किस्म एच0डी0-2967 भारत सरकार द्वारा अक्तूबर, 2011 को अधिसूचित की गई थी और इसकी अनुदान की समयावधि अक्तूबर,2021 में समाप्त हो जाएगी। सरकार द्वारा इस किस्म की अच्छी पैदावार को देखते हुए इसके प्रमाणित बीज पर अनुदान की समयसीमा को  रबी 2021-22 तक बढ़ाया गया है।

यहां यह उल्लेखनीय होगा कि हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार द्वारा गेहूं की इस किस्म को पीले रतुए के रोग के प्रति अति संवेदनशील बताया गया है। इस रोग के मुख्यतया: लक्षण पत्तों की सतह पर पीले रंग की धारियां दिखाई देना, पाउडरनुमा पीला पदार्थ पत्तो पर होना, शुरू में इस रोग से ग्रस्त खेत में कहीं-कहीं गोलाकार दायरों का दिखना तथा तापमान बढने पर पीली धारियों के नीचे की सतह पर काले रंग में बदलाव आना है।

उन्होंने बताया कि गेहूं में पीले रतुए रोग के उपचार के लिए किसानों को उक्त लक्षण दिखाई देने पर प्रोपिकोनाजोल 25 प्रतिशत ई0सी0 की 200 मिलीलीटर मात्रा को 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिडक़ाव करना चाहिए। उन्होंने बताया कि यदि रोग फसल की आरम्भिक अवस्था में आ जाए तो पानी की मात्रा कम कर देनी चाहिए। उन्होंने बताया कि रोग का प्रकोप बढऩे पर दूसरा छिडकाव 10-15 दिन के बाद दोहराया जा सकता है।