हरियाणा पुलिस ने 4 गुमशुदा बच्चों को तलाश कर उनके परिवार को सौंपकर चेहरों पर मुस्कान लौटने का काम किया

Haryana Police reunites four missing children including two ‘deaf and dumb’ with their families

हरियाणा पुलिस ने 4 गुमशुदा बच्चों को तलाश कर उनके परिवार को सौंपकर चेहरों पर मुस्कान लौटने का काम किया

चंडीगढ़, 20 जनवरी – हरियाणा पुलिस ने 4 गुमशुदा बच्चों को तलाश कर उनके परिवार को सौंपकर चेहरों पर मुस्कान लौटने का काम किया है। इनमें से दो बच्चे बोलने व सुनने में असमर्थ थे।
हरियाणा पुलिस के प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस ने विशेष प्रयास कर इन बच्चों का पता लगाया, जो हरियाणा, बिहार और छत्तीसगढ़ से किसी कारण से लापता हो गए थे।
उन्होंने कहा कि पुलिस टीमें सभी राज्यों में चिल्ड्रन होम के लगातार संपर्क में रहती हैं। जैसे ही पुलिस को लापता बच्चे की सूचना मिलती है, तो पूछताछ कर परिजनों से मिलवाने के लिए विशेष प्रयास किए जाते है। उन्होंने कहा कि न केवल हरियाणा राज्य बल्कि देश भर में लापता बच्चों का पता लगाकर उनके परिवार से मिलाने का प्रयास निरंतर किया जा रहा है।
पहले मामले में, पुलिस ने नवंबर 2019 से लापता दिल्ली के नजफगढ़ में एक शेल्टर होम में रह रहे गुरुग्राम के उल्हासनगर निवासी लडक़े को परिवार से मिलवाया। यह बच्चा सुनने और बोलने में असमर्थ था। उसके द्वारा दी गई कुछ सूचनाओं के आधार पर, व्हाट्सएप के माध्यम से बच्चे की एक वीडियो क्लिप और फोटो भेजी गई जिसे देखकर परिवार ने बच्चे को पहचान लिया।
एक अन्य मामले में, एक 13 साल का बच्चा, 2018 से गुरुग्राम से लापता था और दिल्ली के कनॉट प्लेस के चिल्ड्रन होम में रह रहा था। लडक़े को केवल अपने पिता के नाम पता था, जो पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग का बताया। वह इससे ज्यादा कुछ नहीं जानता था। काउंसलिंग के दौरान पता चला कि बच्चे की मां गुरुग्राम में काम करती है। आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद लडक़े को माँ को सौंप दिया गया।
इसी प्रकार एक और मामले में, 14 साल की एक बच्ची, जो सितंबर 2019 में जिला कटिहार (बिहार) से लापता हो गई थी उसे 15 जनवरी 2021 को उसके परिवार के सौंप दिया गया।  फरवरी 2020 से रायपुर, छत्तीसगढ़ से लापता एक और मूक-बधिर 13 साल के बच्चे की तलाश कर माता-पिता को सौंपा। इस संबंध में एक प्राथमिकी गरियाबंद जिले के एक पुलिस थाने में दर्ज थी। पुलिस टीम ने विशेष प्रयास किए और उसके माता-पिता का पता लगाकर उसे उनके सुपुर्द किया।