अब ‘नो मास्क-नो मूवमेंट’ पर रहे जोर : मुख्यमंत्री

अब ‘नो मास्क-नो मूवमेंट’ पर रहे जोर : मुख्यमंत्री

अब ‘नो मास्क-नो मूवमेंट’ पर रहे जोर : मुख्यमंत्री

स्व-अनुशासन में रहकर निभाएं जीवन रक्षा का फर्ज

जयपुर, 20 अप्रेल। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि काेराेना की दूसरी घातक

लहर पर नियंत्रण के लिए राज्य सरकार ‘नाे मास्क-नो एन्टीं’ से एक कदम आगे बढ़कर पूरी

सख्ती के साथ प्रदेश में ‘नाे मास्क-नो मूवमेन्ट’ अभियान चलाएगी। उन्हाेंने कहा कि संक्रमण

की चेन ताेड़ने के लिए यह जरूरी हाे गया है कि बिना मास्क के काेई भी घर से बाहर न

निकले। उन्हाेंने कहा कि जीवन रक्षा के लिए राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान

के साथ-साथ काेविड प्रबंधन में नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधियाें, स्वच्छता कर्मियों आैर इन

संस्थाआें के तमाम कामि र्काें की अहम भूमिका है।

गहलोत मंगलवार काे मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस से प्रदेश के नगरीय

निकायों के महापौर, उप महापौर, नगर परिषद् सभापति, उप सभापति, नगर पालिका चैयरमेन

एवं वाइस चैयरमेन, सीईआे, कमिश्नर, ईआे, स्वच्छता कर्मियों आदि के साथ काेराेना संक्रमण,

वैक्सीनेशन तथा मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना पर संवाद कर रहे थे। उन्हाेंने

आह्वान किया कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेशवासियाें काे उपचार की चिंता से मुक्त करने के

लिए लाई गई मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में अधिक से अधिक लोगाें के समय

पर रजिस्टंेशन करवाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कई देशाें में मास्क लगाने, सोशल डिस्टेसिंग तथा काेविड

प्राेटाेकॉल की सख्ती से पालना के कारण ही वहां संक्रमण रा ेकने में सफलता मिली। कइ र्

अध्ययन भी यह बताते हैं कि संक्रमण से बचाव का सबसे कारगर उपाय मास्क, सोशल

डिस्टंेसिंग आैर वैक्सीन ही हैं। ऐसे में, लोग राज्य सरकार द्वारा उठाए जा रहे कड़े कदमाें की

पालना में पूरा सहया ेग करें। उन्हाेंने कहा कि बिना अनुशासन हम संक्रमण की चेन नहीं ताेड़

सकते, इसी काे ध्यान में रखकर जन अनुशासन पखवाड़े जैसा कदम सरकार ने पूरी गंभीरता

के साथ उठाया है। इससे कुछ समय के लिए लोगाें काे असुविधा हाे सकती है, लेकिन जीवन

बचाने के लिए हम सभी काे स्व अनुशासन में रहकर जीवन रक्षा का फर्ज निभाना हाेगा।

गहलोत ने कहा कि प्राेटाेकॉल के उल्लंघन पर जुमा र्ने या शास्ति वसूलना सरकार

का उद्देश्य नहीं है। इसके पीछे की भावना लोगाें काे सख्ती से अनुशासन की पालना के

लिए प्रेरित करना है। उन्हाेंने कहा कि जिस घातक गति से काेराेना संक्रमण बढ़ रहा है,

देशभर में लोगाें की माैत हाे रही हैं, कई राज्यों में स्थिति बेहद चिंताजनक है। ऑक्सीजन,

बैड, वेन्टीलेटर एवं जरूरी दवाआें सहित संसाधन कम पड़ने लगे हैं। ऐसे में, काेविड

प्राेटाेकॉल की पालना किए बिना हम इस लड़ाई काे नहीं जीत सकते, क्योंकि यह लड़ाई सिर्फ

अस्पतालों में नहीं, घर आैर समाज काे साथ लेकर लड़नी हाेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि काेराेना की पहली पीक में देशभर में सर्वाधिक 97 हजार केस

एक दिन में आए थे, जबकि दूसरी लहर में अब तक यह आंकड़ा तीन गुना बढ़कर 2 लाख

73 हजार काे छू गया है आैर आगे स्थिति क्या हाेगी, कोई नहीं बता सकता। उन्हाेंने कहा कि

इस स्थिति का सामना करने के लिए वार्ड एवं पंचायत स्तर तक जनप्रतिनिधियाें काे प्रशासन

के साथ कदम मिलाकर अपनी सकारात्मक भूमिका का निर्वहन करना हाेगा।

 

नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप

प्रदेशभर में नगरीय निकाय संस्थाआें के माध्यम से काेराेना संक्रमण की राेकथाम के लिए सभी

उपाय सुनिश्चित किए जा रहे हैं। सैनिटाइजेशन, इन्दिरा रसोई के माध्यम से जरूरतमंदाें एवं

काेविड राेगियाें के लिए भाेजन की व्यवस्था, मास्क वितरण, जागरूकता अभियान तथा

उल्लंघन पर कार्यवाही करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा रही है। उन्हाेंने बताया कि

इन्दिरा रसोई योजना के एक्सटेंशन काउण्टर खाेलने के लिए निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शमार् ने कहा कि जन अनुशासन पखवाड़े में समाज का हर वग र्

पूरी प्रतिबद्धता से अपनी भूमिका निभाए। उन्हाेंने कहा कि 14 दिन का स्वप्रेरित अनुशासन ही

हमें इस महामारी से मुकाबले की ताकत देगा। उन्हाेंने कहा कि राजस्थान में प्रतिदिन 7 लाख

लोगाें काे वैक्सीनेशन करने की सुविधा उपलब्ध है। हमारा प्रयास है कि वैक्सीन की

उपलब्धता के अनुसार अधिक से अधिक लोगाें काे जल्द से जल्द टीका लगे।

प्रमुख सचिव गृह श्री अभय कुमार ने कहा कि संक्रमण के ग्राफ काे नीचे लाने के लिए

एन्फोर्समेन्ट पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्रदेशभर में 1900 माइक्राे कन्टेनमेंट जाेन

बनाकर हाेम आइसोलेशन की पालना सुनिश्चित कराई जा रही है। उल्लंघन करने पर 24 घंटे

में 55 लोगाें काे संस्थागत क्वारेंटीन किया गया है।

पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर ने कहा कि प्रदेशभर में जन अनुशासन पखवाड़ा

बेहतर ढंग से लागू किया जा रहा है। काेविड प्राेटाेकॉल के उल्लंघन पर लगातार कार्यवाही

की जा रही है।

शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सिद्धाथर् महाजन ने प्रस्तुतीकरण देते हुए

बताया कि संक्रमित राेगियाें की संख्या तेजी से बढ़ने के कारण राज्य में ऑक्सीजन की खपत

भी तेजी से बढ़ी है। इसकी उपलब्धता के लिए स्थानीय संसाधनों के साथ-साथ केन्द्र सरकार

से लगातार संपर्क बनाए हुए हैं। उन्हाेंने बताया कि बैड प्रबंधन, ऑक्सीजन की आपूर्ति तथा

चैकपोस्टाें पर निगरानी सुनिश्चित करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों काे जिम्मेदारी दी गई है।

शासन सचिव स्वायत्त शासन श्री भवानी सिंह देथा ने बताया कि इन्दिरा रसोई के

माध्यम से काेविड राेगियाें काे निःशुल्क भाेजन उपलब्ध करवाने की सुविधा शुरू हाे गई है।

सार्वजनिक स्थानाें पर सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव करवाया जा रहा है। काेविड से

मृत्यु होने पर लावारिस शवों का सम्मानपूर्वक अन्तिम संस्कार करवाया जा रहा है। साथ ही,

जागरूकता अभियान काे भी आैर गति दी जा रही है।

आरएचयूएस के कुलपति डॉ. राजाबाबू पंवार, एसएमएस अस्पताल के प्राचार्य डॉ. सुधीर

भण्डारी तथा चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. वीरेन्द्र सिंह ने भी जन अनुशासन पखवाड़े, काेविड

प्राेटाेकॉल तथा उपचार काे लेकर विचार व्यक्त किए।

बैठक में मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य, एडीजी कानून व्यवस्था सौरभ श्रीवास्तव,

शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री वैभव गालरिया, आयुक्त सूचना प्राैद्याेगिकी वीरेन्द्र सिंह

सहित अन्य उच्च अधिकारी उपस्थित थे। काेविड व्यवस्थाआें के लिए लगाए गए नाेडल

अधिकारी, जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक आदि भी वीसी से जुड़े।