विधानसभा का लंबित मानसून सत्र तुरंत बुलाए सरकार: हरपाल सिंह चीमा

आप ने 15 दिवसीय लाइव टेलीकास्ट सत्र की मांग दोहराई

सरकार के बीएसी की बैठक में किए गए वादे से मुकरने की जताई आशंका

पूछा – जनता के विभिन्न मुद्दों का सदन में सामना करने से क्यों भाग रही है कांग्रेस ?

चंडीगढ़ 14, सितंबर

आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के वरिष्ठ नेता और विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने पंजाब सरकार से तत्काल विधानसभा बुलाने की मांग की है। चीमा ने कहा कि  पंजाब विधानसभा के पवित्र सदन में किसानों, मजदूरों, व्यापारियों, कर्मचारियों, और बेरोजगारों से संबंधित मुद्दों पर विस्तार से चर्चा करने की आवश्यकता है क्योंकि यह लंबित मानसून सत्र वर्तमान सरकार का अंतिम सत्र होगा।

मंगलवार को पार्टी मुख्यालय से जारी एक बयान में हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि ”बीती 3 सितंबर को गुरु तेग बहादुर की 400 वीं जयंती को समर्पित विधानसभा का विशेष सत्र था। जिसे तकनीकी या संवैधानिक रूप से मानसून सत्र से नहीं जोड़ा जा सकता है। उस दिन विशेष सत्र शुरू होने से पहले हुई बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (बीएसी) की बैठक में माननीय अध्यक्ष राणा केपी सिंह ने आश्वासन दिया था कि 15-20 दिनों में सत्र फिर से बुलाया जाएगा जिसमें सभी लंबित मुद्दों पर विचार किया जाएगा। । इसलिए तत्काल प्रभाव से 15 दिन का सत्र बुलाया जाए।’’

चीमा ने कहा कि पंजाब विधानसभा एक लोकतांत्रिक संस्था है जिसमें जनता के चुने हुए प्रतिनिधि राज्य के लोगों की समस्याओं का समाधान करते हैं। उन्होंने संदेह जताया कि सरकार अपने वादे के मुताबिक विधानसभा सत्र से भागने की कोशिश कर रही है, क्योंकि वह सार्वजनिक मुद्दों पर अपनी जिम्मेदारी और जवाबदेही से भाग रही है। सरकार की इस तरह की प्रवृत्ति के कारण आज पंजाब में लोकतांत्रिक व्यवस्था खतरे में है क्योंकि पंजाब विधानसभा का सत्र संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार कैप्टन सरकार द्वारा नहीं बुलाया जा रहा है और न ही निर्धारित बैठकें हो रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कैप्टन सरकार पंजाब के मुद्दों को दबाना चाहती है तथा निर्वाचित प्रतिनिधियों को चर्चा के अधिकार से वंचित कर रही है।

हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि ‘‘पंजाब और पंजाब की जनता मुसीबतों में घिरी है। पंजाब में हर तरह का माफिया का राज  है और नशे के कारण माताओं के बच्चे जंजीर में जकड़े हुए हैं। उद्योग बाहर जा रहे हैं। नकली दवाओं से फसल बर्बाद हो रही है और खाद की किल्लत दिन प्रति  दिन  बढ़ती  ही जा रही है। इसलिए इन मुद्दों पर संयुक्त चर्चा के लिए पंजाब विधानसभा का सत्र बुलाया जाना चाहिए।”

15 दिन के लाइव टेलीकास्ट सत्र की मांग को दोहराते हुए आप नेता ने कहा कि यदि पंजाब विधानसभा का सत्र बुलाया जाता है तो किसानों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए दो दिन अलग रखे जाने चाहिए ताकि हर राजनीतिक दल इस संबंध में अपने विचार पेश कर सके। इसके अलावा मजदूरों, कर्मचारियों, छोटे दुकानदारों, उद्योगपतियों, छात्रों और अन्य वर्गों के कई मुद्दे हैं जिन पर विधानसभा में विचार करने की आवश्यकता है।

चीमा ने आरोप लगाया कि कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार ने अपना कोई भी चुनावी वादा पूरा नहीं किया। इसी के चलते आज पंजाब की धरती  धरने की धरती  बन गई है। पंजाब सरकार के सभी विभागों के कर्मचारी दिन रात धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। पंजाब के उद्योगपति अपने उद्योग दूसरे राज्यों में शिफ्ट कर रहे हैं। लेकिन कांग्रेस सरकार जनता की समस्याओं को हल करने की बजाय नए हथकंडे अपनाकर लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। यही कारण है कि सरकार विधानसभा का सत्र बुलाने से भाग रही है।