वित्ती संकट का शिकार पंजाबी यूनिवर्सिटी के धरने में पहुंचे नेता प्रतिपक्ष
पटियाला, 13 अगस्त 2020
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के सीनियर नेता व नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने आरोप लगाया है कि प्राईवेट शिक्षा माफिया के साथ मिल कर समय-समय प्रदेश सरकारें (कैप्टन-बादल) की तरफ से पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला समेत प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों, कालेजों और यूनिवर्सिटियों को एक साजिश के तहत बर्बाद किया जा रहा है।
हरपाल सिंह चीमा वीरवार को ‘आप’ नेताओं के साथ पंजाबी यूनिवर्सिटी के प्रोफैसरों-लैक्चररों और कर्मचारी स्टाफ की ओर से लगाए धरने में शिरकत करने के मौके मीडिया के साथ बातचीत कर रहे थे। इस मौके उनके साथ प्रो. भीम इन्द्र सिंह, नीना मित्तल, डा. बलबीर, आरपीएस मल्होत्रा, तेजिन्दर मेहता और वालंटियर मौजूद थे।
हरपाल सिंह चीमा ने पंजाब और पंजाबियत के लिए पंजाबी यूनिवर्सिटी की अत्यंत महत्वपूर्ण का जिक्र करते हुए कहा कि जो सरकार मातृ-भाषा को समर्पित ऐसे अमूल्य अदारों को चला नहीं सकती तो ऐसी निकम्मी सरकार की पंजाब और पंजाबियों को कोई जरूरत नहीं। हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि इस से शर्मनाक ओर क्या बात हो सकती है कि मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह के अपने जद्दी शहर पटियाला में स्थित पंजाबी यूनिवर्सिटी सरकारी बेरुखी, अनावश्यक राजनैतिक दखलअन्दाजी और जरुरी फंडों के बिना दम तोड़ती जा रही है।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि आज हलात यह हैं कि पंजाबी यूनिवर्सिटी 150 करोड़ रुपए की ऋणी हो चुकी है। सरकार इस गौर्वशाली संस्था को वित्तीय संकट से निकालने के लिए कोई रुचि नहीं दिखा रही, जबकि मुख्यमंत्री परनीत कौर पटियाला से संसद मैंबर भी हैं।
हरपाल सिंह चीमा ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार की तर्ज पर पंजाब में शिक्षा का बजट बढ़ाया जाए और पंजाबी यूनिवर्सिटी को विशेष वित्तीय पैकेज के द्वारा वित्तीय संकट से निकाला जाए। चीमा ने कहा कि यदि अध्यापकों और प्रोफैसरों को अपने वेतन के लिए धरने प्रदर्शन करने पड़ रहे हों, तो किसी भी सरकार के लिए बेहद शर्मनाक बात है।

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