चंडीगढ़, 22 जुलाई:
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व अधीन पंजाब मंत्रीमंडल ने आज जेल वार्डों के 305 पदों को अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड के अधिकार क्षेत्र में से निकाल कर पंजाब पुलिस भर्ती बोर्ड के द्वारा प्रत्यक्ष तौर पर भरे जाने को मंजूरी दे दी है।
मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता के अनुसार यह फ़ैसला जेलों के प्रबंधन में सुधार के लिए उपयुक्त अमला सामथ्र्य मुहैया करवाने में सहायक होगा। यह समूची भर्ती प्रक्रिया चार महीनों के अंदर ही मुकम्मल की जायेगी।
पंजाब की जेलों में मौजूदा समय 24 हज़ार से ज्यादा मुजरिम /हवालाती कैदी हैं। इन कैदियों की निगरानी के लिए ज़रुरी स्टाफ की कमी है। 27 नवंबर, 2016 की नाभा जेल तोडऩे की घटना के बाद स्टाफ की कमी ज्यादा महसूस की जा रही थी और कैबिनेट के अनुसार ऐसी घटनाओं को रोके जाने के लिए स्टाफ के सामथ्र्य को बढ़ाने की ज़रूरत है।
नाभा जेल तोडऩे की घटना की जांच के लिए गठित उच्च ताकती कमेटी की तरफ से भी जेल में घटना के कारण के तौर पर स्टाफ की कमी को भी बताया गया था।
इसी दौरान कैबिनेट की तरफ से साल 2017 के लिए गृह मामले और न्याय विभाग की सालाना प्रशासकीय रिपोर्ट को भी मंजूरी दे दी गई है।

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