-छीनी राजनैतिक जमीन हासिल करने के लिए गुरूधामें और गुरू की गोलक का दुरुपयोग कर रहे हैं बादल – प्रो. बलजिन्दर कौर
श्री अमृतसर साहिब, 28 सितम्बर 2020
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब का प्रतिनिधिमंडल सोमवार को श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह को मिला। ‘आप’ विधायकों प्रो. बलजिन्दर कौर, जै किशन सिंह रोड़ी और कुलवंत सिंह पंडोरी के नेतृत्व में ‘आप’ के प्रतिनिधिमंडल ने मांग पत्र देते मांग की है कि अकाली दल (बादल) को गुरुद्वारा साहिबानों और तख्त साहिबानों की अपने निजी और राजनैतिक मकसदों के लिए किए जा रहे दुरुपयोग को सख्ती के साथ रोका जाए।
इस मौके मीडिया को संबोधन करते हुए प्रो. बलजिन्दर कौर ने कहा कि किसी समय शिरोमणी अकाली दल पंथ, पंजाब और सरबत के भले के लिए कार्यशील होता था, परंतु पिछले समय के दौरान सिर्फ एक परिवार की निजी कंपनी बन कर अपने सिद्धांत और उसूल छोडऩे के कारण आज राजनैतिक पतन की ओर पहुंच चुका है। 2017 के चुनाव में पंथ और पंजाब ने बादल दल को पूरी तरह नकार दिया। दूसरी तरफ केंद्र में नरिन्दर मोदी सरकार के भागीदार होते बादल परिवार ने एक वजीरी की खातिर बार-बार पंजाब, पंजाबियों, पंजाबियत और पंथ की पीठ में कदम-कदम पर छुरा घोंपा है। कृषि विरोधी काले-कानूनों की अंधाधुन्ध वकालत करते करते बादल दल की बची-खुची राजनैतिक जमीन भी खिसक गई। गांवों में ‘नौ एंट्री’ के बोर्ड लग गए। अब यही अकाली दल बादल अपनी गवा चुके राजनैतिक जमीन हासिल करने के लिए और सिक्खों की धार्मिक भावनाओं का फायदा उठा कर राजनैतिक ताकत हासिल करने के लिए 1 अक्तूबर से पंजाब के तीनों तख्तों साहिबानों से अपने राजनैतिक शक्ति प्रदर्शनों की शुरूआत करने जा रहा है। इसी तरह 24 सितम्बर को तख्त श्री दमदमा साहिब में बादल परिवार की ओर से गुरू को नत्मस्तक होने की आड़ में जो राजनैतिक प्रदर्शन दीवान हाल में किया गया, जो कि गुरू घर का सीधे रूप में दुरुपयोग है।
इस मौके जै सिंह रोड़ी ने कहा कि समूह गुरू घर और वहां चलते प्रबंध समूह पंथ और संगतों के सहयोग के साथ चलते हैं। संगतों की मेहनत की कमाई से दसवंध गुरू मर्यादा और सेवा के रूप में चढ़ावे के तौर पर श्रद्धा के साथ गुरू चरणों में पेश करते हैं। यह सब सरबत के भले के लिए समर्पित किया जाता है, परंतु अकाली दल (बादल) गुट की ओर से इन प्रबंधों और स्त्रोतों को निजी राजनीति चमकाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। जो कि गुरू मर्यादा के खिलाफ है।
इस मौके कुलवंत सिंह पंडोरी ने कहा कि साहिब श्री गुरु गोबिंद जी ने भी मसन्दों को सख्त सजाएं दे कर संगतों के चढ़ावे का दुरुपयोग से रोका था और सरबत के भले के लिए प्रयोग करने के हुक्म दिए थे। अकाली दल (बादल) और नेताओं की पिछले समय की गतिविधियां पूरी तरह गैर पंथक, गुरू ग्रंथ साहिब जी के हुक्मों से उलट, निजी लालसा और राजनीति चमकाने की रही हैं।

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