अपने प्रवचनों के माध्यम से टीबी मुक्त भारत की आवाज को जन-जन तक पहुंचाएं ताकि लोगों को टीबी रोग के बारे जागरूक करके इस बीमारी को जड़मूल से खत्म किया जा सके

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चंडीगढ़, 23 जुलाई -हरियाणा राज्य टीबी उन्मूलन समिति, पंचकूला द्वारा निक्षय दिवस के अवसर पर आयोजित एक वर्कशाप में हरियाणा स्वास्थ्य सेवाएं विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक डा. वी के बंसल ने मुख्य अतिथि के तौर पर बोलते हुए धार्मिक नेताओं का आह्वïन किया कि वे अपने प्रवचनों के माध्यम से टीबी मुक्त भारत की आवाज को जन-जन तक पहुंचाएं ताकि लोगों को टीबी रोग के बारे जागरूक करके इस बीमारी को जड़मूल से खत्म किया जा सके।
इस वर्कशाप का आयोजन हरियाणा स्वास्थ्य सेवाएं विभाग की महानिदेशक डा. वीना सिंह की अध्यक्षता में वर्चुअल माध्यम से किया गया। इस वर्कशाप में जिला टीबी अधिकारी अपने जिले के धार्मिक नेताओं और आस्था आधारित संस्थाओं के सदस्यों के साथ जुड़े। इसके अतिरिक्त, डॉन बोस्को चर्च, ब्रह्माकुमारी, विश्वास फाउडेशन, बौद्घ, निरंकारी समाज, माता मन्सा देवी मंदिर,पंचकूला, राधास्वामी (भिवानी), गढ़वाल सभा और आर्ट ऑफ लिविंग आदि के सदस्यों ने भी भाग लिया।
अतिरिक्त महानिदेशक डा. वी के बंसल ने कहा कि जिस प्रकार हम एकजुट होकर कोविड महामारी को खत्म करने के लिए पिछले डेढ़ वर्ष से प्रयासरत है उसी तरह टीबी रोग को जड़मूल से समाप्त करने के लिए हर प्लेटफार्म पर सहयोग अति आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में टीबी के मरीजों को और अधिक सचेत एवं सजग रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राज्य में टीबी के सक्रिय मामलों का पता लगाने के लिए सभी जिलों में एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है जो 27 जुलाई, 2021 तक जारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि टीबी रोगियों को उपचार लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए और किसी टीबी रोगी को सरकार द्वारा दिए गए पोषण आहार भत्ते के अतिरिक्त यदि पोषण आहार या अन्य किसी सामाजिक सुरक्षा की जरुरत हो तो आगे आकर उनकी मदद की जानी चाहिए। उन्होंने धर्म गुरुओं का आह्वान किया कि वे अपने आसपास किसी महिला टीबी रोगी का शोषण ना होने दें तथा ध्यान रखें कि उसके साथ कोई भेदभाव ना हो। अपने अनुयायिओं को समाज में टीबी रोग से संबंधित फैली भ्रांतियों को रोकने बारे प्रोत्साहित करें तथा टीबी रोगी को अकेले ना छोडक़र इलाज के समय भी परिवार के साथ रखें। टीबी के मरीज को निर्धारित अवधि तक इलाज लेने के लिए प्रोत्साहित करें तथा इलाज लेने में उसका सहयोग करें। इसके अतिरिक्त, धार्मिक समारोहों में प्रवचनों से पहले या बाद में टीबी पर रेडियो जिंगलस/टीवी विज्ञापन चलाएं। अपने अनुयायियों को फोन के प्ले स्टोर से टीबी आरोग्य साथी एप डाउनलोड करने के लिए प्रेरित करें।
इस अवसर पर राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) की उप-निदेशक डॉ. सुषमा अरोड़ा ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से राज्य टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के बारे अवगत करवाया।
उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा टीबी पीडि़तों को नि:शुल्क जांच, नि:शुल्क इलाज व नि:शुल्क दवाएं उपलब्ध करवाने के अलावा इलाज के दौरान पोषण भत्ते के रूप में 500 रुपए प्रति माह दिये जाते हंै। इसके अतिरिक्त, टीबी के नए मरीज को सरकारी अस्पताल में रजिस्टर्ड करवाने वाले को 500 रुपये प्रोत्साहन भत्ता दिया जाता है ताकि राज्य टीबी उन्मूलन कार्यक्रम को ज्यादा भाग्यदारी मिले और ज्यादा से ज्यादा मरीजों को फायदा हो और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने के विजन को साकार किया जा सके।
इस कार्यक्रम में राज्य टीबी उन्मूलन समिति हरियाणा की डॉ. रीटा कालड़ा, नागरिक अस्पताल हॉस्पिटल, पंचकूला के एसएमओ डॉ. अनुज जागड़ा, डबल्यूएचओ कंसल्टेंट सुश्री सरिता के अतिरिक्त आईईसी अधिकारी व अन्य कर्मचारी जुड़े ।