एनीमिया मुक्त भारत (एएमबी) कार्यक्रम के अंतर्गत हरियाणा ने पहला स्थान प्राप्त किया

Pandit Deendayal laid foundation for radical change in the nature of Indian politics. Pandit Deendayal

चंडीगढ़, 22 अक्टूबर- हरियाणा ने एक और कीर्तिमान स्थापित करते हुए एनीमिया मुक्त भारत (एएमबी) कार्यक्रम के अंतर्गत पहला स्थान प्राप्त करने में सफलता हासिल की है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा यूनिसेफ द्वारा शुरू किए गए इस कार्यक्रम के अंतर्गत हरियाणा को देश के 29 राज्यों की सूची में प्रथम स्थान दिया गया है।

हरियाणा की महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा ने  इस सफलता के लिए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल, आंगनवाडी वर्करों एवं स्वास्थ्य कर्मियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अप्रैल 2018 में हरियाणा में ’अटल अभियान‘ एश्योरिंग एनीमिया लिमिट अभियान शुरू किया था। इसके तहत एनीमिया मुक्त भारत की तर्ज पर हरियाणा में एनीमिया को कम करने के लिए योजना की घोषणा की गई जिसका ऐतिहासिक परिणाम आया है।स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा इस संबंध में हाल ही में जारी सूची के स्कोर कार्ड में हरियाणा को 46.7 अंक के साथ एनीमिया मुक्त भारत सूचकांक में शीर्ष स्थान पर रखा गया है।

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर पोषण अभियान पर गंभीरता से काम किया जा रहा है। बच्चों एवं महिलाओं में कुपोषण की समस्या को दूर कर हरियाणा को स्वस्थ राज्य बनाने के लिए केंद्र और हरियाणा सरकार प्रतिबद्ध हैं । जिसके सुखद परिणाम आ रहे हैं। पोषण अभियान का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं व बच्चों में पोषण की आवश्यकताओं को पूरा करना है। इसके अतिरिक्त इसका लक्ष्य मातृत्व मत्यु दर व शिशु मृत्यु दर को कम करना भी है।

उन्होंने कहा कि पोषण पखवाड़ा के दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा पोषण शपथ, ग्राम पंचायतों द्वारा पोषण बैठक, आंगनवाडी सेंटर पर सामुहिक कार्यक्रमों का आयोजन, 6 वर्ष की आयु तक के बच्चे तथा महिलाओं में एच.बी. की जांच, खंड स्तर पर साइकल रैली, आयरन की गोलियों का वितरण, प्रभातभेरी के माध्यम से टीकाकरण, वजन व लंबाई की जांच, पोषण मेला, पोषणयुक्त खाने की विधि तथा जानकारी, गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक आहार की जानकारी दी जाती है।

इस अभियान से कुपोषण की शिकार तथा एनीमिया से पीडि़त महिलाएं लाभान्वित हो रही हैं। यह अभियान कुपोषण को समाप्त करने के लिए एक बड़ा कदम है। उन्होंने बताया कि पोषण अभियान के तहत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व आंगनवाड़ी हैल्पर के माध्यम से लोगों को कुपोषण व एनीमिया के बारे में जागरूक किया जाता है।