एन पी के और ट्रिपल सुपरफॉस्फेट को डी ए पी के विकल्प के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है – प्रगतिशील किसान शमनप्रीत सिंह

कृषि विभाग ने किसानों से डी ए पी के वैकल्पिक स्रोतों का उपयोग करने की अपील की

खरड़ (साहिबज़ादा अजीत सिंह नगर) 1 नवंबर 2024 

जिले के प्रगतिशील युवा किसान शमनप्रीत सिंह, जो डी ए पी के विकल्प के रूप में एन पी के का उपयोग करते हैं, कहते हैं कि हमें फास्फोरस सामग्री की पूर्ति के लिए केवल डी ए पी का उपयोग करने या उस पर निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं है। उनका कहना है कि पिछले साल उन्होंने बहुत सीमित डी ए पी का इस्तेमाल किया था और गेहूं के लिए एन पी के 12:32:16 के उपयोग के बहुत अच्छे परिणाम आए थे। उन्होंने कहा कि इस बार भी वह डी ए पी पर निर्भरता कम कर ट्रिपल सुपरफॉस्फेट के इस्तेमाल पर जोर देंगे ताकि फास्फोरस की आपूर्ति के लिए सिर्फ डीएपी पर निर्भरता न रहे। गेहूं के साथ गन्ना और आलू की खेती करने वाले धड़ाक कलाँ के शमनप्रीत सिंह कहते हैं कि हमने डी ए पी से फास्फोरस की आपूर्ति को अपनी निर्भरता का साधन बना लिया है और हम वैकल्पिक स्रोतों का उपयोग केवल इसलिए नहीं करते हैं कि इससे हमारी उपज कम हो जाएगी, लेकिन वैकल्पिक स्रोतों से फास्फोरस का व्यावहारिक रूप से उपयोग करने के अच्छे परिणाम आयें है। खरड़ के ब्लॉक कृषि अधिकारी डा. शुभकरण सिंह धालीवाल, किसान शमनप्रीत सिंह की प्रशंसा करते हुए कहते है कि शमनप्रीत सिंह ने डीएपी से ही फास्फोरस लेने की निर्भरता को कम कर दिया है और फास्फोरस के अन्य उपलब्ध स्रोतों से इसकी आपूर्ति की है। जिले के मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. गुरमेल सिंह ने बताया कि एन पी के 12:32:16 में नाइट्रोजन और पोटाश के साथ 32 प्रतिशत फॉस्फोरस की मात्रा मौजूद होती है, जबकि एक अन्य वैकल्पिक स्रोत ट्रिपल सुपरफॉस्फेट में 46 प्रतिशत फॉस्फोरस की मात्रा मौजूद होती है। उन्होंने कहा कि बाजार में डी ए पी के कई विकल्प मौजूद हैं, इसलिए हमें केवल एक ही उर्वरक पर निर्भर नहीं रहना चाहिए, हमें फास्फोरस की आपूर्ति अन्य वैकल्पिक स्रोतों से भी करनी चाहिए।