किसानों के लिए अब मगरमच्छ के आंसू न बहाओ -कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सुखबीर बादल को घेरा

Chief Minister Captain Amrinder Singh
ऑर्डीनैंसों का समर्थन कर अकाली दल को किसानों के प्रति प्यार दिखाने का कोई हक नहीं
चंडीगढ़, 20 जुलाईः
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल को किसानों की स्थिति पर मगरमच्छ के आंसू बहाना बंद करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि अकाली दल के समर्थन से केंद्र सरकार द्वारा पारित किये खेती ऑर्डीनैंसों ने किसानों की जान सूली पर टाँग दी है।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल द्वारा इन ऑर्डीनैंसों, जो स्पष्ट तौर पर न्यूनतम समर्थन मूल्य का अंत कर देने की तरफ पहला कदम है, के समर्थन से किसानों के हितों की रक्षा करने के ढकोसले से पर्दा उठा दिया है जबकि इनके शासनकाल के दौरान किसानों की स्थिति खराब हो चुकी थी। उन्होंने कहा कि सुखबीर को यह नहीं भूलना चाहिए कि उसकी पत्नी और अकाली नेता हरसिमरत कौर बादल भी केंद्रीय मंत्री के तौर पर इन ऑर्डीनैंसों की मंजूरी पर मोहर लगाने वाले मंत्रालय में शामिल थी।
न्यूनतम समर्थन मूल्य पर केंद्र सरकार से स्पष्टीकरण लेने के लिए सुखबीर बादल द्वारा किसान जत्थेबंदियों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने की की गई पेशकश की खिल्ली उड़ाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यहाँ से पता चलता है कि सुखबीर बादल जमीनी हकीकत से पूरी तरह अनजान है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह ऑर्डीनैंस, जिनको शांता कुमार समिति की सिफारिशों पर लाया गया है, भारत के संघीयय ढांचे के पूरी तरह खिलाफ हैं जिसने न्यूनतम समर्थन मूल्य की प्रणाली को खत्म करने का भी सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि यदि सिफारिशों को ऑर्डीनैंसों पर लागू कर दिया जाता है तो यह अनुमान तर्कसंगत है कि जल्द ही न्यूनतम समर्थन मूल्य खत्म हो जायेगा। उन्होंने कहा कि सुखबीर बादल शिरोमणि अकाली दल के हितों और खास तौर पर निजी और अपनी पत्नी के हितों की रक्षा की खातिर इन तथ्यों को अनदेखा कर रहा है।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि सुखबीर बादल द्वारा किसानों के प्रति प्यार दिखाने की ड्रामेबाजी करने से अब मसला हल नहीं होगा जबकि दूसरी तरफ उसकी पार्टी अकाली दल द्वारा ऑर्डीनैंसों के हक में सक्रिय हिमायती के तौर पर विचर कर किसानों के हितों को नुक्सान पहुँचाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब अकाली दल के पास किसान विरोधी और पंजाब विरोधी कदम उठाने के कारण कोई अन्य रास्ता न बचा तो सुखबीर अब इस पेशकश से अपनी छवि बचाने के लिए निराशाजनक कोशिशें कर रहा है।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने कदम-कदम पर किसानों से धोखा किया है और पिछले छह सालों में किसानों के हित सुरक्षित बनाने के लिए एक भी कदम नहीं उठाया जिस कारण न तो किसानों और न ही किसान जत्थेबंदियों को केंद्र के आश्वासनों पर कोई विश्वास रहा है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि ऐसा लगता है कि सुखबीर को यह भी नहीं पता कि पंजाब की किसान जत्थेबंदियाँ इन ऑर्डीनैंसों के खिलाफ पहले ही खुलकर रोष प्रकट कर चुकी हैं और जत्थेबंदियाँ भी इस तथ्य से अवगत हैं कि यह पूरी तरह किसान विरोधी ऑर्डीनैंस हैं जिनको न्यूनतम समर्थन मूल्य की खरीद प्रणाली को खत्म करने का रास्ता तैयार करने के लिए तैया किया गया है।
उन्होंने कहा कि इन हालतों में केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा कोई भी वादा या स्पष्टीकरण तब तक निरर्थक होगा, जब तक वह सच्चे दिल से किसानों के हितों के हितैषी होने का सबूत नहीं देते और इन ऑर्डीनैंसों को वापस नहीं लेते।
अकाली दल के दोहरे मापदण्डों की आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अकालियों ने हाल ही के महीनों में सी.ए.ए. सहित कई मुद्दों पर दोगलेपन का दिखावा किया है। उन्होंने कहा कि यदि सुखबीर बादल सचमुच ही किसानों के प्रति चिंतित है तो फिर केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार से अपनी पार्टी का समर्थन वापस क्यों नहीं लेता।