खूंखार बदमाशों को पुलिस की वर्दी पहनाकर कार सेवकों पर बरसवाई थी गोलियां

_Jagram Gupta
खूंखार बदमाशों को पुलिस की वर्दी पहनाकर कार सेवकों पर बरसवाई थी गोलियां
1990 की घटना याद कर व्योवृद्ध कार सेवक महाश्य जगराम की आंखों से बहते हैं क्रोधयुक्त आंसू

चंडीगढ़/ गुरुग्राम,  14 जनवरी 2024

उम्रदराज कार सेवक महाश्य जगराम गुप्ता वर्ष 1990 में आयोध्या में हुए गोलीकांड की याद करके गुस्से से लाल हो जाते हैं और उनकी आंखों से क्रोध युक्त आंसू बहने लगते हैं। वह कहते हैं जब यूपी के जवानों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के कहने से रामभक्तों पर गोलियां बरसाने से इंकार कर दिया तो जेलों में बंद खूंखार बदमाशों को पुलिस की वर्दी पहनाकर राम भक्तों पर गोलियां चलवाई गई थी। उन्होंने कहा भगवान राम नहीं चाहते कि उनके भक्तों पर गोलियां चलवाने वाले और उनका समर्थन करने वाले नेता प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल हों, इसीलिए इन नेताओं की बुद्धि भ्रमित है और ये आयोजन में शामिल होने से इंकार कर रहे हैं।

मूलतः महेंद्रगढ़ जिले के रहने वाले महाश्य जगराम गुप्ता अब परिवार के साथ गुरुग्राम के सेक्टर 47 में रहते हैं। वर्ष 1990 में विवादित ढ़ांचा गिराने की प्रक्रिया के दौरान महाश्य जगराम मौके पर ही मौजूद थे। वह कहते हैं कि उत्तर प्रदेश के ज्यादातर पुलिसकर्मी कार सेवकों के समर्थन में थे। राज्य सशस्त्र पुलिसबल के अनेक जवानों ने तो वर्दी पहने हुए ही शासन के आदेशों को मानने से इंकार कर दिया और कार सेवा में जुट गए। ऐसे में तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह चिंतित हो गए और उन्होंने जेलों में बंद खूंखार कैदियों को राम भक्तों पर गोलियां चलाने के लिए तैयार किया। वह कहते हैं कि अनेकों रामभक्तों को गोलियों से भूनकर सरयू नदी में फेंक दिया गया और अनेकों के शरीर पर पत्थर बांधकर उन्हें जिंदा सरयू में डाल दिया। वह कहते हैं कि सरयू का पानी भी रामभक्तों के खून से लाल हो गया था। महाश्य जी विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष रहे अशोक सिंघल के करीबी लोगों में थे। वह कहते हैं कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह को राजनीतिक बताने वाले जान लें, धर्म रहित राजनीति समाज व देश के लिए सर्वदा अहितकारी होती है।

अयोध्या में श्रीराम लला प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले कार सेवकों के बलिदान को नमन करने के लिए विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समेत कई सामाजिक व धार्मिक संगठनों ने साझा अभियान चलाया है।इस दल का नेतृत्व कर रहे शिक्षाविद पूर्व वाइस चांसलर डाॅक्टर अशोक दिवाकर ने कहा कि राम सिर्फ आस्था का नहीं वरन अखंड भारत और हिंदुस्तान की आत्मा का प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि कार सेवकों के बलिदान और प्रयासों का जितना स्मरण किया जाए, कम ही प्रतीत होगा। महानगर संघ चालक जगदीश जी ने कहा कि कार सेवकों का जज्बा गोलियों के सामने भी चरम पर था और आज भी जब श्रीराम लला विराजमान हो रहे हैं तो उनके भाव उच्चतम शिखर पर हैं। आरएसएस के विभाग प्रचार प्रमुख अनिल कश्यप ने बताया कि घर जाकर कार सेवकों के सम्मान कार्यक्रम के तीसरे चरण में तिलकराज मलहोत्रा, महेंद्र लाहौरिया और पूर्व मंत्री स्वर्गीय सीताराम सिंगला के निवास पर पहुंचकर परिजनों का सम्मान किया गया। गुड़गांव के विधायक व स्वर्गीय सीताराम सिंगला के पुत्र सुधीर सिंगला ने दल के सदस्यों का भव्य स्वागत किया। इस मौके पर आरएसएस के प्रांत सह सेवा प्रमुख हरीश जी, विश्व हिंदू परिषद जिला अध्यक्ष अजीत जी, जिलामंत्री यशवंत शेखावत, उपाध्यक्ष सुरेंद्र तंवर, संपर्क प्रमुख गगन, महाबीर भारद्वाज,महानगर कारवाह संजीव सैनी, राजेश खटाणा, मीनाक्षी सक्सेना, संजय शर्मा समेत काफी लोग मौजूद रहे।

अक्षत वितरण अभियान के क्रम में शनिवार को बदशाहपुर स्थित इस्कॉन मंदिर में निमंत्रण स्वरूप पीले अक्षत दिए गए। इस प्रमुख ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि श्रीराम का भव्य मंदिर बन रहा है। यह लाखों भक्तों के बलिदान की कीमत पर बन रहा हैं । उन्होंने यहां उपस्थित इस्कॉन मंदिर अनुयायियों का आह्वान करते हुए कहा कि 22 जनवरी को महा दीपावली के रूप में मनाएं। उनके अनुसार मन्दिर में 22 जनवरी को तो भव्य आयोजन होगा ही साथ ही 20 जनवरी को भी संकीर्तन का बड़ा आयोजन किया जा रहा है।

महाशय जगराम जी को सम्मानित करते समाज के लोग।
इस्कॉन मंदिर के प्रमुख जनों को निमंत्रण सौपते विश्व हिंदू परिषद व समाज के गणमान्य लोग।