गेहूं की सरकारी खरीद रिकाॅर्ड एक लाख क्विंटल से पार, Virender Kanwar ने जताया पीएम मोदी एवं केन्द्रीय मंत्री Anurag Thakur का आभार

ऊना 1 जून,2021 : ग्रामीण विकास, पंचायती राज, कृषि, मत्स्य व पशुपालन पशुपालन मंत्री ने बताया कि चालू रबी मार्केटिंग सीजन में सरकारी एजैंसियों के माध्यम से राज्य में गेहूं की सरकारी खरीद एक रिकाॅर्ड स्तर पर पहुंच गई है। मई माह के अन्त तक राज्य में न्यूनतम समर्थन मूल्य 1975 रूपये प्रति क्विंटल की दर से अब तक एक लाख 657 क्विंटल गेहूं की खरीद की जा चुकी है। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा वित्त एवं काॅर्परेट मामलों के राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने बताया कि यह खरीद भारतीय खाद्य निगम द्वारा की जा रही है।
उन्होंने बताया कि भारतीय खाद्य निगम केन्द्र सरकार की एजैंसी है, जो राज्यों की एजैसियों के साथ मिलकर समर्थन मूल्य योजना के तहत गेहूं व धान की खरीद करती है तथा इसका मुख्य उद्देश्य किसानों को उनके उत्पाद का एक लाभदायक मूल्य सुनिश्चित करना है। भारतीय खाद्य निगम किसानों को उनके उत्पाद के लाभ को ध्यान में रखते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करती है तथा राज्य सरकारों के साथ परामर्श करके किसानों की सुविधा के अनुसार मुख्य स्थानों पर खरीद केन्द्रों की स्थापना करती है। उन्होंने बताया कि यदि किसान दूसरे व्यापारियों अथवा मिल मालिकों को समर्थन मूल्य से अधिक दाम मिल रहा हो, अपनी फसल बेचने के लिए स्वतंत्र हैं। निगम का उद्देश्य यही है कि किसी भी वजह से किसान को तय समर्थन मूल्य के कम कीमत पर अपना अनाज बेचने के लिए मजबूर न होना पड़े।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य में गेहूं की सरकारी खरीद का कार्य प्रभावी ढंग से कार्यान्वित किया जा रहा है, जिसके परिणाम स्वरूप चालू सीजन में मई माह के अन्त तक जिला ऊना के 721 किसानों से सबसे अधिक 30521 क्विंटल गेहूं न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार एजैसियों द्वारा खरीदा गया। जबकि सिरमौर जिला से 29839 क्विंटल, कांगड़ा जिला से 27271, सोलन से 12600 तथा बिलासपुर से 427 क्विंटल गेहूं क्रय की गई।
उन्होंने कहा कि मौसम के प्रतिकूल रहने के कारण केन्द्र व प्रदेश सरकार ने पहले से ही किसानों के लिए खरीद शर्ताें में ढील दे दी थी। किसानों को फसल बेचने के लिए दूर न जाना पड़े इसके लिए खरीद केन्द्रों को मध्य क्षेत्र में स्थापित किया गया। इसके अलावा किसान को उनकी फसल का बैंकों के माध्यम से भूगतान करके किसान की फसल के दाने-दाने की कीमत अदा की जा रही है।