तीन दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण में किसानों को केंचुआ खाद तैयार करने की तकनीकों के बारे में बताया गया

चण्डीगढ़, 21 फरवरी 2021 चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण एवं शिक्षण संस्थान में केंचुआ खाद उत्पादन तकनीक विषय पर तीन दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण में किसानों को अपने खेत की मिट्टी की गुणवत्ता सुधारने व फसलों की पैदावार बढ़ाने व केंचुआ खाद तैयार करने की तकनीकों के बारे में बताया गया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने कहा कि किसानों के लिए ज्यादा से ज्यादा इस तरह के प्रशिक्षण आयोजित किए जा रहे हैं। केंचुआ खाद को तैयार करने की जानकारी प्रत्येक किसान को होनी चाहिए। ताकि किसान ऐसी नई उत्पादन तकनीक के माध्यम से खेत की शक्ति को बढ़ा सकें।
संस्थान के सह निदेशक (प्रशिक्षण) डॉ. अशोक कुमार गोदारा ने बताया की किसान वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन को व्यवसाय के रूप में अपनाकर अपनी आमदनी में इजाफा कर सकते हैं। इसे अलावा वर्मी कम्पोस्ट को मिट्टी में मिलाने से उसकी उर्वरा शक्ति को बढ़ाया जा सकता है और फसलों में पैदावार व गुणवत्ता में बढ़ोतरी होती है।
प्रशिक्षण के दौरान किसानों को बताया गया कि इस खाद में सामान्य गोबर की खाद की तुलना में अधिक मात्रा में नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश एवं सूक्ष्म तत्व पाए जाते हैं। यह खाद भूमि की ऊपजाऊ क्षमता में टिकाऊपन लाती है और फसलों की गुणवत्ता में सुधार करती है।