भाजपा के इशारे पर नाचने वाले ‘पक्के मोदी भक्त’ हैं अमरिन्दर और बादल – हरपाल सिंह चीमा

Harpal Singh Cheema Aap punjab

पंजाब बंद के बराबर बादलों की ओर से ‘चक्का जाम नाटक’ ऐलान कर किसानी संघर्ष को तारपीडो करने की कोशिश – ‘आप’
-अमरिन्दर और बादलों की कमजोरियों को पंजाब के विरुद्ध हथियार के तौर पर ईस्तेमाल करती है मोदी सरकार -‘आप’

चण्डीगढ़, 23 सितम्बर 2020 
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के सीनियर नेता और नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि मुख्य मंत्री अमरिन्दर सिंह और बादल परिवार ‘पक्के मोदी भक्तों’ की तरह तानाशाह प्रधान मंत्री नरिन्दर मोदी के इशारों पर नाचते हैं, क्योंकि बड़े स्तर के भ्रष्टाचार, शराब और ड्रग माफिया, ईडी और इंकम टैक्स, विदेशी बैंक खाते और विदेशी मेहमानों के कारण अमरिन्दर सिंह और बादल परिवार की अनेकों कमजोरियों के कारण इन दोनों परिवारों की नब्ज मोदी के हाथ में है। यही कारण है कि नरिन्दर मोदी सरकार अमरिन्दर सिंह और बादलों को पंजाब के विरुद्ध ही हथियार के तौर पर ईस्तेमाल करती आ रही है।
यहां प्रैस कान्फ्रेंस को संबोधन करते हुए हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पहले बादलों ने कृषि विरोधी काले कानूनों की महीनों से जोरदार वकालत करके किसानों की पीठ में छुरा घोंपा और अब मोदी सरकार के इशारे पर किसानों के संघर्ष को तारपीडो करने की घटिया कोशिशों में जुटे हुए हैं। इस लिए 25 सितम्बर को किसान जत्थेबंदियों की ओर से दिए गए पंजाब बंद के आमंत्रण के बराबर बादलों ने 25 सितम्बर को ही ‘चक्का जाम’ का नाटक ऐलान दिया है। किसानी संघर्ष के बराबर बादलों की ओर से यह नाटक मोदी सरकार के इशारे पर किया जा रहा है, जिससे किसी तरीके पंजाब के किसानों और आम लोगों की जागरूक होने से रोका जाए। उन्होंने सवाल किया क्या यह पाखंड 25 सितम्बर को ही जरूरी है और आगे पीछे क्यों नहीं हो सकता? इस मौके पार्टी के प्रदेश महा सचिव हरचन्द सिंह बरसट, प्रदेश खजांची श्रीमती नीना मित्तल, पार्टी नेता गोबिन्दर मित्तल और दिनेश चड्ढा मौजूद थे।
हरपाल सिंह चीमा ने हरसिमरत कौर को ‘नाटक क्विन’ करार देते हुए कहा कि इस्तीफे वाले ड्रामे के बावजूद बादल आज भी केंद्र सरकार का हिस्सा हैं और मोदी के एजेंट के तौर पर काम कर रहे हैं।
प्रदेश के सभी राजनैतिक दलों, सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं समेत प्रदेश के सभी वर्गों से अपील की है कि वह मोदी सरकार के कृषि विरोधी काले कानूनों के विरुद्ध किसानी संघर्ष का साथ दें और 25 सितम्बर के बंद को कामयाब बनाएं। ‘आप’ ने साथ ही 25 सितम्बर को बादलों की तरफ से ‘चक्का जाम’ के ऐलान को किसानी संघर्ष के विरुद्ध साजिश बताया है और दलील दी कि 2015 में नकली पैस्टीसाईड घोटाले के विरुद्ध जब किसानी संघर्ष शिखर पर था तब श्री गुरु ग्रंथ साहिब की सोची समझी साजिश रची गई थी। इस लिए हमें सब को बेहद सुचेत रहना पड़ेगा।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि बादलों की तरह मुख्य मंत्री अमरिन्दर सिंह भी मोदी सरकार की कठपुतली है। हाई-पावर समिति में अमरिन्दर सिंह और वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल की ओर से इन काले कानूनों को चुप-चाप सहमति देना और वित्तीय संशोधनों के नाम पर गठित मोंटेक सिंह आहलूवालीया समिति के द्वारा मोदी सरकार के इन काले कानूनों को हू-ब-हू लागू करने की प्रक्रिया शुरू करना इस तथ्य की पुष्टि करता हैं कि अमरिन्दर सिंह मोदी सरकार के करिन्दे के तौर पर काम कर रहे हैं।
हरपाल सिंह चीमा ने भाजपा संसद और केंद्रीय मंत्री सोम प्रकाश से तुरंत इस्तीफे की मांग करते उनको सप्ताह का समय दिया और कहा यदि सोम प्रकाश इस्तीफा नहीं देते तो आम आदमी पार्टी उनके समेत भाजपा के सभी संसदों और प्रदेश प्रधान के घरों का घेराव करेगी।
बॉक्स के लिए 
मंडियों में मक्का की हो रही बे-कदरी, कपास और बासमती के बारे में जवाब दे सरकारें – ‘आप’ 
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि कांग्रेस और अकाली-भाजपा की किसान विरोधी नीतियों और नीयत का क्षतिपूर्ति देश और पंजाब का किसान कल भी भुगतता था और आज भी भुगत रहा है।
आज पंजाब की मंडियों में एमएसपी ऐलान होने के बावजूद मक्का 1870 की जगह 650 से 1000 रुपए और कपास (काट्टन) 5825 रुपए प्रति क्विंटल की जगह 4000 -4500 रुपए बिक रहा है। जबकि एमएसपी रहित बासमती की फसल केवल 1900 रुपए प्रति क्विंटल खरीदी जा रही है, जिस को बाद में यही मध्यस्थ (विचौले) खरीददार 6000 रुपए प्रति क्विंटल तक उपभोक्ताओं को बेचते हैं।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि यह अभी ट्रेलर है जब मोदी के यह काले कानून लागू हो गए तो गेहूं और धान का हाल ओर भी बदतर होगा।