चंडीगढ़, 10 नवंबर- चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय,हिसार के बागवानी विशेषज्ञ डॉ. राकेश चुघ ने कहा कि बागवानी में विविधिकरण के रूप में मशरूम एक ऐसा व्यवसाय है जो कम पैसे से शुरू किया जा सकता है और सफल होने पर मशरूम उत्पादन को किसी भी स्तर तक बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा ढ़ींगरी मशरूम की खेती को किसान केवल 2 से 3 महीने छोडकऱ पूरा साल कर सकते हैं।
वे आज विश्वविद्यालय के सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण एवं शिक्षण संस्थान में तीन दिवसीय खुम्ब उत्पादन तकनीक विषय पर ऑनलाइन प्रशिक्षण शिविर के समापन अवसर पर प्रतिभागियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ढींगरी मशरूम बटन की तुलना में ज्यादा समय तक ताजा रहती है। संस्थान के सह-निदेशक (प्रशिक्षण) डॉ. अशोक गोदारा ने प्रशिक्षणार्थियों को बताया कि किसान यहां से तकनीकी ज्ञान लेकर खुम्ब उत्पादन का व्यवसाय शुरू कर सकते हैं और अधिक लाभ अर्जित कर सकते हैं। साथ ही उन्होंने कृषि अवशेषों से खुम्ब उत्पादन करने की तकनीकों के बारे में भी बताया।
डॉ. भूपेन्द्र सिंह ने मशरूम में आने वाले मुख्य कीट, उनसे होने वाले नुकसान, लक्षणों व प्रबधंन के बारे में किसानों को विस्तृत जानकारी दी और साथ ही उन्होंने किसानों को खुम्ब गृह में सफाई रखने की विशेष सलाह दी। प्रशिक्षण कार्यक्रम की संयोजिका डॉ. पवित्रा कुमारी ने किसानों को इस व्यवसाय को अपनाने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण में प्रदेश के विभिन्न स्थानों के 32 प्रतिभागी शामिल हुए।

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