महिलाओं के लिए वरदान बना जल जीवन मिशन

महिलाओं के लिए वरदान बना जल जीवन मिशन
अगस्त 30

जल प्रत्येक जीवन की जरूरी जरूरत है और जल के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। देश के ग्रामीण अंचल में जल प्राप्ति के साधन के रूप में नदी, तालाब, कुँआ और बाबड़ी ही रहे हैं। हमेशा यही देखा गया कि ग्रामीण माताओं-बहनों को इन पेयजल स्त्रोतों से जल लाकर परिवार की जरूरत पूरी करना पड़ती थी। धीरे-धीरे हैण्डपम्प और ट्‍यूबबेल का प्रचलन बढ़ा, इससे हमारी आधी-आबादी (महिला वर्ग) के परिश्रम में कुछ कमी तो आई लेकिन उन्हें पेयजल की कठिनाई और समस्या से पूरी तरह मुक्ति नहीं मिल सकी। काफी दूरी से सिर पर पानी से भरे बर्तन लेकर आती महिलाओं की दशा और पेयजल संकट को दर्शाती खबरें तथा फोटो हम सबने विभिन्न प्रचार माध्यमों में अनेकों बार पढ़े और देखे हैं। अब जल जीवन मिशन किस तरह ग्रामीण आबादी को नल से जल देकर उनके जीवन में बदलाब ला रहा है यह भी सच हम देख रहे हैं।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ग्रामीण आबादी और खासकर यहाँ के महिला वर्ग को पेयजल के लिए उठानी पड़ रही कठिनाई की निरन्तर चिंता की। इस समस्या से निदान के उपाय के लिए उनके चिंतन से ही राष्ट्रीय जल जीवन मिशन प्रारम्भ हुआ। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने 15 अगस्त 2019 को इस मिशन की घोषणा की। भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय ने जल जीवन मिशन की गाइड-लाइन जारी की और केन्द्र तथा राज्य के समान व्यय अंश पर मिशन में कार्य प्रारम्भ हुए।

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मिशन की खूबियों को जाना और ग्रामीण अंचल की माता-बहनों की “नीर के लिए पीर” को हमेशा के लिए दूर करने के उद्देश्य से प्रदेश में मिशन अन्तर्गत कार्य करने के निर्देश दिए। प्रदेश में जून 2020 से गाँव के हर घर में नल कनेक्शन से जल उपलब्ध करवाने का सिलसिला प्रारम्भ हुआ। अब सभी जिलों की ग्रामीण आबादी को नल कनेक्शन से जल मुहैय्या करवाने के कार्य तेजगति से चल रहे हैं। बदलाव के साक्ष्य के रूप में मिशन में 40 लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन से निरन्तर जल प्रदाय हो रहा है।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी राज्य-मंत्री श्री बृजेन्द्र सिंह यादव मिशन के संचालन की प्रति सप्ताह समीक्षा करते हैं। श्री यादव का मानना है कि धरातल पर उतरी योजनाओं के लाभ से ही जन-विश्वास कायम होता है। जब आमजन की मानसिकता यह बने कि सरकार उसकी अपनी है, तब ही माना जाय कि माप की कसौटी पर सरकार खरी उतरी है। राज्य-मंत्री श्री यादव द्वारा जल जीवन मिशन की मार्गदर्शिका के अनुरूप कार्य प्रबंधन कार्यान्वयन सहायता, तृतीय पक्ष मूल्यांकन और कौशल विकास एजेन्सी से प्रत्यक्ष (वन-टू-वन) संवाद किया गया। इस व्यवस्था से मिशन के कार्य गुणवत्तापूर्ण और समय-सीमा में हो रहे हैं।