मुख्यमंत्री श्री चौहान और केंद्रीय मंत्री श्री सिंधिया ने जयन्ती के अवसर पर दी श्रद्धांजलि
अगस्त 18
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय नागरिक एवं उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भारत माँ के वीर सपूत पेशवा बाजीराव प्रथम की जयंती पर आज उनके समाधि स्थल रावेरखेड़ी पहुँचकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आज इस पुण्य स्थली में आकर वे धन्य हो गए हैं। भारत माँ ने अनेक वीरों को जन्म दिया है। बाजीराव पेशवा उन्हीं महान सपूतों में सिरमौर हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. श्री अटल बिहारी बाजपेयी का स्मरण करते हुए कहा कि स्वर्गीय श्री बाजपेयी जी ने कहा था कि यह देश हमारे लिए ज़मीन का टुकड़ा नहीं है अपितु यह माँ का जीवित स्वरूप है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि भारत माता का अखंड स्वरूप हमारे लिए वन्दनीय हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उद्धृत विभाजन विभीषिका दिवस का उल्लेख करते हुए कहा कि हमें खंडित आज़ादी मिली थी। लव कुश का लाहौर, अधूरा पंजाब, हिंगलाज मैया और ढाकेश्वरी देवी का मंदिर सभी आज हमारी सीमाओं से परे हैं। भारत माँ की रक्षा, एकता और अखण्डता के लिए वीर बाजीराव पेशवा सहित अनेकों वीरों ने अपने प्राणों का उत्सर्ग किया था। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बाजीराव पेशवा के पराक्रम, वीरता और साहस के अनेकों प्रसंगों को दोहराया। उन्होंने कहा कि वीर बाजीराव की वीरता और पराक्रम, युद्ध कौशल और रणनीति का पाठ विदेशों के सैन्य संस्थानों में भी पढ़ाया जाता है। उन्होंने कहा कि महाराजा छत्रसाल का राज्य उन्होंने युद्ध जीतकर वापस लौटाया। जब उन्होंने दिल्ली कूच किया तो औरंगज़ेब के पोते की घिग्गी बंध गई। बाजीराव पेशवा की वीरता और पराक्रम से निज़ाम की घेराबंदी का रणनीतिक कौशल इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है।

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