‘राइट-टू-रिकॉल’ का बिल विधानसभा में लेकर आएंगे – डिप्टी सीएम

haryana Deputy minister dushayant Chautala

– 50 प्रतिशत सरपंच पद महिलाओं के लिए आरक्षित का बिल रखेंगे पटल पर – दुष्यंत चौटाला

चंडीगढ़, 25 अगस्त- हरियाणा की पंचायतीराज व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन होने जा रहा है। हरियाणा देश का ऐसा पहला राज्य बनने जा रहा है जहां पर काम न करने वाले पंचायत प्रतिनिधियों को वापस घर बैठाने की पॉवर ग्रामीणों के पास होगी। इसी तरह हर दूसरे गांव की सरपंच महिला होगी जो कि ग्रामीण परिवेश की महिलाओं के लिए क्रांतिकारी कदम होगा। बुधवार से शुरू हो रहे हरियाणा विधानसभा सत्र में बिल लाकर इस पर चर्चा की जाएगी।

        हरियाणा के उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला ने यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल इस बात के पक्षधर थे कि पंचायती राज संस्थाओं के चुने हुए प्रतिनिधि अगर लोगों में अपना विश्वास खो देते हंै तो जनता को ‘राइट-टू-रिकॉल’ का अधिकार मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि सदन में इसकी चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने पंचायती राज के अधीन चुने जाने वाले सरपंच का उदाहरण देते हुए बताया कि कई बार सरपंच पर अपने पद के दुरूपयोग के आरोप लगते हैं जिसमें लोग चाहते हैं कि उसको पद से हटाया जाए। ऐसे में अगर ‘राइट-टू-रिकॉल’ का कानून बन जाएगा तो ग्रामीण मतदाताओं को सरपंच को हटाने का अधिकार  मिल जाएगा।

        डिप्टी सीएम ने बताया कि हरियाणा में 50 प्रतिशत पद महिलाओं के लिए आरक्षित करने का बिल भी सदन में रखा जाएगा। इस बिल के पास होने से ग्रामीण परिवेश में रह रहीं महिलाओं के लिए न केवल राजनीति के नए द्वार खुलेंगे बल्कि उन्हें खुद को साबित करने का एक प्लेटफॉर्म मिलेगा। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि इसी तरह पंचायतीराज संस्थाओं में बी.सी-ए कैटेगरी के लिए आठ प्रतिशत आरक्षण निर्धारित करने संबंधित बिल लाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसी सत्र में प्रदेश के युवाओं को निजी क्षेत्र में 75 प्रतिशत नौकरियों देने के लिए बिल लेकर आएंगे।

        एक प्रश्न के उत्तर में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि 24 अगस्त 2020 से शहरी क्षेत्र में जमीनों की रजिस्ट्री के लिए ऑनलाइन बुकिंग शुरू हो चुकी है और इसके बाद अगले सप्ताह तक रजिस्ट्री का कार्य शुरू हो जाएगा। डिप्टी सीएम ने बताया कि शहरी स्थानीय निकाय विभाग व नगर एवं आयोजना विभाग से अनापत्ति प्रमाण-पत्र लेने का पोर्टल तैयार किया गया है ताकि रजिस्ट्री करवाने वालों को चक्कर न काटने पड़ें। उन्होंने बताया कि वित्त विभाग के साथ इस पोर्टल के जोडऩे से जहां लोगों को सुविधा होगी, वहीं पारदर्शिता भी आएगी।