सुशासन एवं पारदर्शिता के लिए आमजन से जुड़ी सेवाएं 30 मार्च तक ऑनलाइन की जाएं -मुख्यमंत्री

CM Ashok Gehlot

सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग की समीक्षा
जयपुर, 22 सितम्बर।
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने निर्देश दिए हैं कि राजस्थान लोक सेवा के प्रदान की गारंटी अधिनियम-2011 और राजस्थान सुनवाई का अधिकार अधिनियम-2012 के तहत विभिन्न विभागों की 221 नागरिक सेवाओं को 30 मार्च, 2021 तक ऑनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से उपलŽध कराया जाए। उन्होंने इसके लिए मुख्य सचिव को इसके लिए संबंधित विभागों के साथ समन्वय कर गुड गवर्नेंस के इस महत्वपूर्ण प्रोजे€ट को गति देने के निर्देश दिए।
श्री गहलोत मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फे्रंस के माध्यम से ढाई घण्टे तक चली बैठक में सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी विभागों में नोडल अधिकारी नियु€त किए जाएं तथा पूरी गंभीरता से निर्धारित तिथि तक आमजन से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण सेवाओं की ऑनलाइन उपलŽधता सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुशासन और पारदर्शिता लाने में सूचना प्रौद्योगिकी का बहुत महत्व है। सरकार चाहती है कि राजस्थान आईटी आधारित सुशासन में देश का प्रथम राज्य बने। हमें सभी सरकारी सेवाओं का लाभ तथा जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी गांव-ढ़ाणी तक त्वरित गति से पहुंचाने में सूचना तकनीक का उपयोग बढ़ाना होगा।
श्री गहलोत ने कहा कि राजस्थान में आम लोगों को राजकीय सेवाओं की डिलिवरी के लिए 80 हजार ई-मित्र केन्द्रों तथा राजीव गांधी सेवा केन्द्रों के रूप में पंचायत स्तर तक एक वृहद नेटवर्क उपलŽध है। सभी विभागों को इसका अधिक से अधिक इस्तेमाल करना चाहिए, ताकि आम लोगों को इसका सीधा फायदा मिल सके और उन्हें दफ्तरों के च€कर नहीं काटने पड़ें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी के इस चुनौतीपूर्ण समय में विभाग ने सराहनीय कार्य किया है। €वारेनटाइन सुविधाओं के प्रबंधन, प्रवासी मजदूरों के आवागमन, दूर-दराज के क्षेत्रों तक वीडियो कॉन्फं्रेस की सुविधा तथा 24 घण्टे वॉर रूम के संचालन जैसे कार्यों में विभाग ने अन्य संबंधित विभागों के साथ मिलकर मुस्तैदी से सेवाएं दी।
श्री गहलोत ने विभाग द्वारा विभिन्न राजकीय सेवाओं की ऑनलाइन डिलिवरी के लिए सॉफ्टवेयर, पोर्टल तथा ऐप सहित अन्य आईटी आधारित मॉड्यूल्स तैयार करने का काम
आउटसोर्स करने के स्थान पर अपने ही विभाग के दक्ष एवं कुशल कार्मिकों से करवाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि स्वयं सॉफ्टवेयर तैयार करने से विभाग के पास उपलŽध कुशल मानवीय संसाधन का उपयोग होगा तथा अनवाश्यक व्यय को रोका जा सकेगा। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्य€त की कि विभाग ने सेंटर फॉर एप्लीकेशन्स डवलपमेंट (सीएडी) नाम से तकनीकी विशेषज्ञता आधारित कार्मिकों का पूल गठित कर इस दिशा में पहल शुरू कर दी है।
मुख्यमंत्री ने नियु€ितयों में अभ्यर्थियों के ऑनलाइन सत्यापन और प्रमाणीकरण, निर्माण कार्यों से जुड़े विभागों में टेंडर प्रक्रियाओं को ऑनलाईन करने, प्रत्यक्ष लाभ हस्तान्तरण (डीबीटी) व्यवस्था को सुदृढ़ करने, डिजिटल शिक्षा की पहुंच के विस्तार सहित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ आमजन तक पहुंचाने में विभिन्न आईटी प्लेटफाम्र्स के उपयोग को गति देने के निर्देश दिए।
सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री अभय कुमार ने बताया कि कोविड-19 महामारी के दौरान बड़ी संख्या में लोगों को संक्रमण से बचाने, संक्रमित व्य€ितयों के प्रबंधन, सूचनाओं के संकलन और आदान-प्रदान तथा दिशा-निर्देशों के प्रसार आदि कार्यों में विभाग ने महत्वपूर्ण सहयोग दिया है। साथ ही मुख्यमंत्री, मंत्रियों तथा अन्य महत्वपूर्ण व्य€ितयों एवं प्रशासनिक अधिकारियों के बीच आवश्यक समन्वय एवं दिशा-निर्देशों के लिए लगभग 2000 वीडियो कॉन्फं्रेस से बैठकें भी आयोजित करवाई। उन्होंने विभाग की विभिन्न गतिविधियों एवं उपलŽिधयों का Žयौरा प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री राजीव स्वरूप, अतिरि€त मुख्य सचिव विा श्री निरंजन आर्य, आयु€त सूचना प्रौद्योगिकी श्री वीरेन्द्र सिंह, सूचना एवं जनसम्पर्क आयु€त श्री महेन्द्र सोनी, निदेशक आरआईएसएल श्री अभिमन्यु कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी और सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के मुख्यालय तथा विभिन्न जिलों एवं Žलॉक स्तर तक पदस्थापित अधिकारी उपस्थित थे।