पानी की बचत के साथ खर्च भी होगा कम
चण्डीगढ़, 1 सितम्बर – किसान सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली से कम पानी में फसलों का अधिक उत्पादन कर सकते हैं, जिससे पानी की बचत के साथ-साथ फसलों की सिंचाई पर होने वाले खर्च को भी कम किया जा सकता है।
सूक्ष्म सिंचाई व काडा के मुख्य अभियंता श्री विजेन्द्र सिंह नारा ने बताया की प्रदेश के मुख्यमंत्री व कृषि मंत्री के निर्देश पर सरकार की ओर से किसानों को सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली के लिए और अधिक सुगम बनाने के लिए विभाग ने एक पोर्टल तैयार किया है, जिस पर किसान यह प्रणाली अपनाने के लिए पंजीकरण कर सकते है।
उन्होंने बताया कि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री देवेन्द्र सिंह व प्रशासक मिकाडा श्री पंकज ने निर्देश दिए है कि सिंचाई विभाग व सूक्ष्म सिंचाई परियोजना के अधिकारी सरकार द्वारा तय लक्ष्य के अनुसार किसानों को अधिक से अधिक जागरूक कर सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली से जोडें।
तथा सूक्ष्म सिंचाई के लिए तालाब, सोलर पंप, मिनी स्प्रिंकलर/ड्रिप का निर्माण व स्थापित करवाना सुनिश्चित करें ।
उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ किसान व्यक्तिगत या कम से कम दो या अधिक किसानों के समूह के रूप में ले सकते है। व्यक्तिगत रूप में किसानों को वाटर टैंक के निर्माण पर 70 प्रतिशत, सोलर पंप पर 75 प्रतिशत तथा मिनी स्प्रिंकलर/ड्रिप पर 85 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। इसी प्रकार किसानों के समूह को वाटर टैंक के निर्माण पर 85 प्रतिशत, सोलर पंप पर 75 प्रतिशत तथा मिनी स्प्रिंकलर/ड्रिप पर 85 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि वाटर टैक की खुदाई पूरी होने पर सब्सिडी का 20 प्रतिशत, वाटर टैंक का निर्माण पूरा होने पर 40 प्रतिशत तथा लाभान्वित क्षेत्र में सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली की स्थापना पर 40 प्रतिशत हिस्सा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सूक्ष्म सिंचाई में प्रयोग होने वाले ऑन फार्म पॉन्ड के लिए जमीन हिस्सेदार जमीदारों को उपलब्ध करानी होगी और 25 एकड़ सूक्ष्म सिंचाई के लिए 2 कनाल जमीन की उपलब्धता करानी होगी। इस योजना के तहत चैनल निर्माण व पुन: निर्माण के लिए खर्च की 99 प्रतिशत राशि सरकार द्वारा वहन की जाएगी बशर्ते चैनल के हिस्सेदार अपने हिस्से की 1 प्रतिशत राशि जमा कराने के लिए तैयार हो। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए विभाग के पोर्टल पर विस्तृत जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

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