हरियाणा में वैक्सीनेशन कार्यक्रम पूरी सफलता और सतर्कता के साथ जारी : विधायक डॉ. कमल गुप्ता

हिसार 07 मई  हरियाणा में वैक्सीनेशन कार्यक्रम के संयोजक डॉ. कमल गुप्ता ने कहा कि प्रदेश के सभी 22 जिलों में वैक्सीनेशन का काम पूरी सफलता और सतर्कता के साथ चलाया जा रहा है। 6 मई तक के अंाकड़ों के हरियाणा में 41 लाख 25 हजार 253 वैक्सीन डोज दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि मई के पहले 6 दिनों में युद्घस्तर पर वैक्सीनेशन का कार्य किया गया है। एक से दो मई को वैक्सीन की 18692 डोज दी गई। इसी प्रकार से 2 से 3 मई को 56172 डोज, 3 से 4 को 67726 डोज, 4 से 5 मई को 56103 डोज तथा 5 से 6 मई को 97618 वैक्सीन डोज दी गई। हिसार जिले में अभी तक एक लाख 77 हजार 195 वैक्सीन डोज दी जा चुकी है।
डॉ. कमल गुप्ता ने कहा कि जुलाई माह तक देश के 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाए जाने का लक्ष्य रखा गया है। जैसे-जैसे वैक्सीन की उपलब्धता होती जाएगी वैसे-वैसे इसका दायरा भी बढ़ता जाएगा। एक मई से 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाए जाने का कार्य शुरू किया जा चुका है। उन्होंने उम्मीद जताई की अगले तीन महीनों में सभी लक्षित समुह के वैक्सीनेशन का निर्धारित लक्ष्य पूरा हो जाएगा। विधायक डॉ. कमल गुप्ता ने कहा कि भारत में वैक्सीनेशन के दौरान जिन दो वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन का उपयोग किया जा रहा है। दोनों ही पूर्ण रूप से स्वदेशी हैं।
उन्होंने कहा कि शरीर में पूरी तरह से प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न करने के लिए वैक्सीन की दो डोज लगाना बहुत ही आवश्यक है। पहली और दूसरी डोज के बीच लगभग एक माह का अंतराल रखा जाना आवश्यक है। दूसरी डोज लगने के दो सप्ताह बाद ही शरीर में कोरोना के विरूद्ध मजबूत एंटीबॉडी विकसित हो जाएगी। वैज्ञानिकों की रिसर्च के अनुसार मनुष्य में वैक्सीन का असर यद्यपि छह माह तक रहेगा, परंतु शरीर में लंबे समय तक प्रतिरोधक क्षमता रहेगी। डॉ. कमल गुप्ता ने कहा कि दुनिया के बड़े देश आज भारत की कोरोना के विरूद्ध जंग में वैक्सीनेशन कार्यक्रम ही नहीं देख रही अपितु आत्मनिर्भर भारत की ताकत भी देख रही है। आज स्थिति यह है कि जहां दुनिया भर के देश दूसरे देशों पर आश्रित हैं, वहीं भारत विकासशील देश होते हुए भी अपने दमखम पर टीकाकरण अभियान की शुरूआत करने में पूरी तरह से सफल रहा।
आज पूरी दुनिया की नजरें भारत की दोनों वैक्सीन पर केंद्रित हैं, जो कोरोना के अलग-अलग वैरीएंट पर काम कर रही है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वदेशी वैक्सीन निर्माण को लेकर भारत के वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों व दवा निर्माता कंपनियों से गहन मंथन कर इस दिशा में आगे कदम बढ़ाए थे, जो एकदम सार्थक हुए हंै। आज हम मास्क, पीपीई किट, टेस्टिंग किट, वेंटिलेटर के निर्माण में आत्मनिर्भर हो गए हैं। इसी तरह से वैक्सीन निर्माण के क्षेत्र में भी हमारा देश दुनिया भर में अग्रणी देशों में शामिल हो गया है।