कैप्टन एम.एस.पी पर खरीद करे या फिर गद्दी छोड़े – भगवंत मान

aap punjab Bhagwant mann

मालवा में एम.एस.पी. से नीचे बिक रहा है नरमा, मान ने मौड़ मंडी के किसानों की सुनी मुश्किलें

मौड़ मंडी /बठिंडा, 22 अक्तूबर 2020
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के अध्यक्ष और सांसद भगवंत मान ने ऐलाने गए कम से कम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की अपेक्षा कम दाम पर ‘सफेद सोना’ बेचने के लिए मजबूर किसानों में खड़े हो कर पंजाब के मुख्य मंत्री को ललकारा कि वह किसानों की फसल को एमएसपी पर खरीदे या फिर गद्दी छोड़ दें। इसके साथ ही भगवंत मान ने बादलों पर भी तीखे हमले बोले।
शुक्रवार को मौड़ मंडी में बेकदरी का शिकार नरमे की फसल के बारे में किसानों को मंडी में मिलने पहुंचे भगवंत मान के साथ तलवंडी साबो से विधायका प्रो. बलजिन्दर कौर और अन्य पार्टी नेता भी मौजूद थे। इस मौके किसानों को संबोधन करते हुए भगवंत मान ने कहा कि आज जो हाल मालवे की मंडियों में नरमे और दोआबे की मंडियों में मक्का की फसल का हो रहा है, कल को जब मोदी के काले कानून लागू हो गए तो गेहूं और धान की फसलें भी ऐसे ही एमएसपी की अपेक्षा आधे मूल्य में बेकदरी का शिकार होंगी। किसान जाएगा कहां? फार्म हाऊस में बैठे महाराजा को किसानों की कोई परवाह नहीं।
भगवंत मान ने कहा कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार एमएसपी से ऊपर स्वामीनाथन की सिफारिशों के मुताबिक अपने किसानों को फसलों का मूल्य दे सकती है तो अमरिन्दर सिंह सरकार अपने किसानों को एमएसपी के बराबर मूल्य की गारंटी क्यों नहीं देती? मान मुताबिक नीयत अच्छी हो तो सब संभव है, अगर नीयत में खोट हो तो सरकारों के खजाने हमेशा खाली ही रहते हैं।
मान ने कहा कि फसल के सीजन में किसान खेतों की बजाए रेल की पटडिय़ों और सडक़ों पर संघर्ष करने के लिए मजबूर हैं। मान ने किसानी संघर्ष को ओर मजबूत करने की अपील करते मुख्य मंत्री को सलाह दी कि वह किसानों को संघर्ष धीमा करने की अपीलें करने की बजाए अपने मित्र प्रधान मंत्री नरिन्दर मोदी के साथ बात करें।
भगवंत मान ने अमरिन्दर सिंह की तरफ केंद्रीय कानूनों के विरुद्ध अमरिन्दर सिंह की ओर से पास किए बिलों को फर्जी करार देते हुए कहा कि जितनी देर पंजाब सरकार अपने स्तर पर एमएसपी पर खरीद की गारंटी वाला अपना कानून नहीं लाती, उतनी देर किसानों के हितों की रक्षा संभव नहीं है। इस लिए हमें सब को एकजुट हो कर लड़ाई लडऩी पड़ेगी और लोगों का दुख दर्द समझने वाले अच्छे व्यक्ति आगे लाने पड़ेंगे।
इस मौके बादलों को आड़े हत्थों लेते भगवंत मान ने कहा, ‘‘बादल पंजाब के लोगों को यह तो बता दें कि वह ऐसी कौन सी फसल बीजते हैं। जिस सेचंद सालों में 1000 बसें की  फ्लीट और आलीशान होटल खड़े हो जाते हैं?’’
मान ने कहा कि किसानों के दबाव में आ कर ही हरसिमरत कौर बादल को गद्दी और बादलों को मोदी छोडऩा पड़ा। उनके साथ ही लोगों को सुचेत किया कि अंदर से कैप्टन, मोदी और बादल आज भी एक-धोखा देने की नीयत से गुप्त ढंग से एकजुट हैं। इस मौके उनके साथ नवदीप सिंह जीदा, नील गर्ग और गुरजंट सिंह सीबिया भी उपस्थित थे।