ग्राम सभाएं कृषि कानून के खिलाफ होंगी कारगर हथियार साबित- भगवंत मान

MP Bhagwant Mann Aap punjab

-जो कौम शेरों के साथ लड़ती रही है, उस कौम के साथ सरकारें न लें टक्कर – भगवंत मान
-ग्राम सभाएं होती है गांवों की पार्लियमेंट 

संगरूर, 30 सितम्बर 2020 
आम आदमी पार्टी पंजाब के अध्यक्ष और सांसद भगवंत मान ने ग्राम सभाओं को गांव की पार्लियामेंट और लोकतंत्र की जड़ें करार देते हुए इन को खेती बिलों के खिलाफ कारगर हथियार बताया।
भगवंत मान आज यहां बुद्धवार को घराचों गांव की ग्राम सभा में इकठ्ठा हुए समूह वर्गों के लोगों को संबोधन करते कहा कि यह प्रोगराम कोई राजनैतिक प्रोगराम नहीं है इस में सभी पार्टियां, समूह किसान जत्थेबंदियों के नुमायंदे हिस्सा ले सकते हैं। इस ग्राम सभा में गांव का हर वोटर जिस की उम्र 18 साल से ऊपर होती है, अपने आप ही इस का मैंबर नामजद हो जाता है। इस के बाद किसी भी मुद्दे पर वोटिंग करवाई जाती है और नतीजा निकाला जाता है और इस सारी प्रक्रिया को पंचायत के कार्यवाही रजिस्टर में लिखा जाता है जो एक कानूनी दस्तावेज बन जाता है और माननीय सुप्रीम कोर्ट तक यह दस्तावेज स्वीकृत होता है, क्योंकि यह सीधे तौर पर लोगों की राए होती है।
भगवंत मान ने कहा कि यदि किसी गांव की पंचायत का फैसला गांव वासियों को सही नहीं लगता या पंचायत ने गलत प्रस्ताव पास कर दिया है तो गांव वासी ग्राम सभा बुला कर प्रस्ताव पर विचार-चर्चा कर सकते हैं और यदि प्रस्ताव के खिलाफ ज़्यादा संख्या में गांव वासी खिलाफ हैं तो पंचायत का फैसला बदला जा सकता है। मान ने कहा कि ग्राम सभाएं पंचायतों से बड़ी है।
भगवंत मान ने कहा कि ग्राम सभा एक बहुत बड़ा सबूत होता है। जिस को कोई भी अनदेखा नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि हम समूचे पंजाब के 12 हजार से ज़्यादा गांवों की पंचायतों को मीडिया के द्वारा अपील करते हैं कि वह भी अपनी अपने गांवों में ग्राम सभाओं के इजलास तुरंत बुलाएं और तीनों खेती विरोधी अध्यादेशों के खिलाफ प्रस्ताव डालें जिससे देश के अंनदाता किसानों को बचाया जा सके।
भगवंत मान ने कहा, ‘‘कहते हैं कि चोर चोरी करने के समय कोई न कोई निशानी जरूर छोड़ जाता है, उसी तरह तानाशाह सरकारों से गलती के साथ ग्राम सभा वाली निशानी रह गई, जिस को हम ने ढूंढ लिए है, यदि किसान विरोधी सरकारों को पता होता ग्राम सभा के बारे में तो उन्होंने कृषि अध्यादेशों में यह लिख देना था कि ग्राम सभा का प्रस्ताव नहीं माना जाएगा।’’
भगवंत मान ने कहा कि कैप्टन-बादल-मोदी ने जो यह किसान विरोधी काले कानून पास किए हैं यह किसान विरोधी नहीं बल्कि लोक विरोधी हैं, क्योंकि इन कानूनों के साथ एक कड़ी के अंतर्गत किसान के बर्बाद होते ही आढ़तिया, मुनीम, पल्लेदार, ट्रांसपोर्टर, छोटे दुकानदार, कारोबारी के साथ-साथ एक समय ऐसा आऐगा कि सभी वर्ग बेरोजगार हो जाएंगे।
भगवंत मान ने कहा कि जालिम सरकारों ने ऐसे हलात पैदा कर दिए हैं कि जवान बार्डर पर शहीद हो रहे हैं और किसान अपने खेतों की मोटरों पर फांसी लगा कर आत्महत्या करने के लिए मजबूर हैं। कैप्टन-बादल-मोदी ने जो मिलीभुगत करके खेती विरोधी काले कानून पास किए हैं इस के नतीजा भुगतने के लिए तैयार रहें।
भगवंत मान ने कहा, ‘‘जो कौम शेरों के साथ लड़ती रही है, उस कौम के साथ सरकारें टक्कर न लें और जो किसान मिट्टी से सोना पैदा कर सकते हैं वह अपनी मिट्टी को बचाना भी बहुत अच्छी तरह से जानता हैं।