भूखमरी के कारण पंजाब में गरीब लोग आत्महत्या कर रहे हैं और पंजाब के मंत्री शराब कारोबार को लेकर अफसरों से लड़ रहे

जाखड़, मनप्रीत, रंधावा, चन्नी, वडिंग, बिट्टू भूखमरी के कारण होते प्रदर्शन व आत्महत्याओं पर चुप क्यों
चंडीगढ़, 12 मई ( ): पंजाब के गरीब, लाचार, जरूरतमंद लोग, दिहाड़ीदार मजदूर खाना व राशन न मिलने के कारण से कई दिनों से भूखे हैं, अब सडक़ों पर उतर आये हैं, धरने प्रदर्शन कर रहे हैं, भूख से दुखी लोग बिजली के खम्बों पर चढ़ रहे हैं और तो और कुछ तो इतने निराश हो गए हैं कि उन्होंने मौत को गले लगाते हुए आत्महत्या कर ली और दूसरी तरफ  कैबिनेट मीटिंग में इन गरीबों की आवाज बनने की जगह पंजाब के मंत्री शराब कारोबार को लेकर अफसरों से लड़ रहे हैं और मुख्यमंत्री के समक्ष रोष दर्ज करवा रहे हैं, यह कहना है भारतीय जनता पार्टी पंजाब के वरिष्ठ नेता विनीत जोशी का।
पंजाब सरकार के मंत्री, विधायक, सांसद, अफसर किसी को भी पंजाब के गरीबों, जरूरतमंदों, भूखों का दर्द नहीं दिख रहा, अगर दिखता होता तो बीते कल हुई कैबिनेट मीटिंग में यह सब मंत्री लुधियाना, मोगा, मलोट के साथ-साथ भोआ व रायकोट के अंतर्गत आते गावों में भुखमरी के कारण हुई आत्महत्याओं को मुख्यमंत्री के सामने उठाते।
अच्छा होता की पंजाब सरकर के मंत्री मनप्रीत बादल, चरणजीत चन्नी, सुखजिंदर रंधावा और मुख्य सचिव के खिलाफ  उनका साथ देने वाले बाकि मंत्री, पंजाब के गरीब जो कि राशन न मिलने व भुखमरी से तंग उनकी आवाज बनते। अच्छा होता कि पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ भी अफसरों के खिलाफ  मंत्रियों का साथ देने के लिए प्रेस ब्यान जारी करने की जगह पंजाब में राशन व खाना न मिलने से भूखे गरीबों के लिए प्रेस बयान जारी करते। अच्छा होता कि कांग्रेस के विधायक राजा वडि़ंग शराब कारोबार की चिंता की जगह मालवे में राशन न मिलने के कारण से हो रहे प्रदर्शनों पर ट्वीट कर पंजाब के अफसरों पर प्रश्न करते। लुधियाना से कांग्रेसी सांसद रवनीत बिट्टू भी मंत्रियों और अफसरों की लड़ाई पर बोले, दुख की बात है की लुधियाना में खाने के लिए लाइनों में लगे गरीबों पर बरसती लाठियां, भुखमरी के कारण से की गई आत्महत्या पर कुछ न बोले।
भाजपा नेता जोशी ने आखिर में पंजाब के कांग्रेसी नेताओं को आह्वान किया कि वे सभी शराब कारोबारियों की आवाज बनने की जगह उन जरुरतमंदो की आवाज बनें जो कि कई दिनों से भूखे हैं, प्रदर्शन कर रहे हैं, पुलिस की लाठियां खा रहे हैं और भुखमरी के कारण आत्महत्या कर रहे हैं।