मुख्यमंत्री द्वारा कौशल विकास के क्षेत्र में और अधिक सहयोग के लिए आई.आई.टी. रोपड़ और आई.आई.एम. अमृतसर के डायरेक्टरों के साथ बातचीत

वीडियो कॉन्फ्रेंस के द्वारा किया विचार-विमर्श
राज्य सरकार द्वारा तकनीकी और कौशल विकास शिक्षा में मदद के लिए आई.आई.टी. रोपड़ के साथ तीन समझौते
चंडीगढ़, 21 जुलाईः
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कौशल विकास के क्षेत्र में उनकी सरकार द्वारा राज्य की प्रमुख संस्थाओं आई.आई.टी., रोपड़ और आई.आई.एम., अमृतसर और अन्यों के बीच निकट सहयोग कायम करने के लिए मार्ग प्रशस्त किया।
मुख्यमंत्री ने दोनों संस्थाओं के मुखियों के साथ अलग-अलग वीडियो कॉन्फ्रेंस के द्वारा बातचीत की।
आई.आई.टी. रोपड़ के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान राज्य सरकार ने कौशल विकास के क्षेत्रों में संस्था के साथ तीन समझौतों पर हस्ताक्षर किये। यह समझौते आई.आई.टी. के तकनीकी शिक्षा विभाग को गुरदासपुर और फिरोजपुर के प्रांतीय इंजीनियरिंग कॉलेजों के साथ-साथ श्री चमकौर साहिब में स्थित श्री गुरु गोबिन्द सिंह स्किल इंस्टीट्यूट, पाँच सरकारी बहु-तकनीकी संस्थाओं और 10 सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं को अकादमिक दिशा प्रदान करवाएंगे। तकनीकी शिक्षा मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी ने बताया कि आई.आई.टी. द्वारा एक मॉडल आई.टी.आई. और एक मॉडल बहु-तकनीकी संस्था बनाने में राज्य की मदद करेगी और बाद में अन्य संस्थाओं को भी इसी तर्ज पर तैयार किया जायेगा।
आई.आई.टी. डायरैक्टर प्रो. एस.के. दास ने सुझाव दिया कि राज्य को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रक्षा उपकरण की रणनीति तैयार करने के लिए आई.आई.टी. की मदद से डिफेंस मैनुफेक्चरिंग कॉरीडोर की स्थापना का प्रयास करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इस मामले को केंद्र के पास उठाएंगे।
मुख्यमंत्री द्वारा आई.आई.टी को राज्य में सिंचाई के दौरान पानी के बेकार जाने को रोकने के लिए छोटे उपकरणों का निर्माण करने में सहायता के लिए अपील की गई, जिस पर प्रोफैसर दास ने इस सम्बन्धी संस्थान द्वारा पूरा समर्थन दिए जाने बारे कहा।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा मुख्य सचिव विनी महाजन को आई.आई.टी के भूमि ग्रहण सम्बन्धी मामलों को हल करने के लिए निर्देश दिए गए और आई.आई.टी को अपने कैंपस परिसर को खूबसूरत बनाकर और वृक्षों से हरा-भरा बनाने के लिए कहा। आई.आई.टी के डायरैक्टर द्वारा यह ध्यान में लाने कि राज्य में प्राईवेट यूनिवर्सिटियों / कॉलेजों द्वारा बिना नियंत्रण और संतुलन के इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों की सीटों में विस्तार किया जा रहा है, जिस पर मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को इस बारे में जाँच करने के लिए समिति गठित करने के लिए भी निर्देश दिए।
इससे पहले अपनी प्रस्तुति में प्रो. दास द्वारा बताया गया कि 12 सालों के समय के दौरान आई.आई.टी, जिसका रैंक 47 है, आई.आई.एस बैंगलोर (एशियन यूनिवर्सिटियों की टाईम्ज हायर ऐजूकेशन के अनुसार रैंकिंग 36 है) के लगभग बराबर पहुँच गया है।
आई.आई.एम. अमृतसर द्वारा कौशल विकास में राज्य सरकार को पूरा समर्थन दिया गया और इसके डायरैक्टर प्रो. रामामूरती नागाराजन ने कहा कि संस्थान टैक्सेशन, व्यापार प्रबंधन, आबकारी सहित अफसरों के लिए थोड़े समय के अलग-अलग पाठ्यक्रमों का आयोजन करेगा। मुख्यमंत्री को बताया गया कि आई.आई.एम द्वारा कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सी.एस.आर) के अधिक पहुँच (आऊटरीच) प्रोग्राम के हिस्से के तौर पर अमृतसर क्षेत्र के पाँच गाँवों को अपनाया गया है। आई.आई.एम डायरैक्टर प्रो. रामामूरती नागाराजन द्वारा संस्थान के जमीन सम्बन्धी असुलझे मामलों संबंधी जताई गई चिंता के बारे में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा डिप्टी कमिश्नर अमृतसर को इस मामले को देखने और जल्द से जल्द हल करने के लिए निर्देश दिए गए।